रायपुर, 29 अप्रैल 2021

कोरोना वायरस के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाओं की कमी से जूझ रही जनता को राहत देने लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बड़ा कदम उठाया है। भूपेश बघेल ने केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन को पत्र लिखकर कोरोना की दवाइयों को आवश्यक वस्तु अधिनियम में लाने की मांग की है। 

कालाबाजारी पर लगाम लगेगी

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने पत्र में लिखा है कि कोरोना की दवाओं को आवश्यक वस्तु अधिनियम-1955 के तहत अधिसूचित कर दिये जाने से दवाओं की कालाबाजारी पर लगाम लगेगी।  सीएम ने अपने पत्र में  रेमेडिसविर इंजेक्शन, आइवरमेक्टिन टैबलेट्स, एनोक्सापारिन इंजेक्शन, डेक्सामेथासोन टैबलेट एवं इंजेक्शन, टोसीलीजुमब इंजेक्शन और फेविपिराविर कैप्सूल को आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत अधिसूचित करने की मांग की है।

छत्तीसगढ़ में कोरोना के 6,52,362 मामले

छत्तीसगढ़ में कोविड-19 की दूसरी लहर के अंतर्गत संक्रमण के मामलों में वृद्धि दर्ज की जा रही है। 25 अप्रैल 2021 तक  राज्य में कोरोना के 6,52,362 मामले दर्ज किए गए हैं। भारत सरकार ने पहले भी कोविड-19 से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए मास्क (2 और 3 प्लाई सर्जिकल मास्क एवं N95 मास्क) एवं हैंड सेनेटाइजर को आवश्यक वस्तु अधिनियम,
1955 के अंतर्गत अधिसूचित (भारत सरकार अधिसूचना दिनांक 13 मार्च, 2020) किया था जिससे महामारी की पहली लहर से निपटने में अत्यंत सहायता हुई।

सरकार ने बनाई टास्क फोर्स

प्रदेश सरकार ने उपरोक्त औषधियों की काला बाजारी को रोकने के कई निर्णायक कदम उठाए हैं। इसमें अस्पतालों में दवाओं के वितरण एवं उपयोग पर लगातार निगरानी, विशेष टास्क फोर्स का गठन, आकस्मिक जाँच एवं कालाबाजारी की खबर मिलने पर तत्काल दबिश दी जाती है।

 

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