कड़ी कार्रवाई की मांग
बिलासपुर। पुलिस वालों का काम कानून के दायरे में रहकर कानून का पालन करना और आम जनता से पालन कराना होता है अगर पुलिस खुद कानून से खिलवाड़ करने लगे तो क्या होगा।
बिलासपुर पुलिस महकमे में इन दिनों एक ऐसा ही मामला सामने आया है जिसमें एक पुलिस कर्मी पर एक महिला नें शपथपत्र सहित शिकायत आवेदन देकर पुलिस कर्मी पर गंभीर आरोप लगाते हुए पुलिस विभाग के उच्च अधिकारियों से लिखित शिकायत की है। पीड़ित महिला का आरोप है कि पुलिस कर्मी पर कार्यवाही करने की बजाय पुलिस विभाग के अधिकारी डीजीपी के आदेश की अवहेलना करते हुए पुलिस कर्मी को बचाने का प्रयास कर रहे हैं। ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है कि कानून और कानून के रखवालों का भरोसा आम आदमी कैसे करेगा!
40 वर्षीय पीड़ित महिला नें लिखित शिकायत आवेदन देकर बताया है कि प्रधान आरक्षक संजय श्रीवास्तव जो वर्तमान में थाना हिर्री में पदस्थ है नें जब वह आरक्षक के पद पर पदस्थ था तब उसने पहली पत्नी के होते हुए भी धोखाधड़ी करते हुए पीड़िता से अगस्त 2014 में रतनपुर महामाया मंदिर में प्रेम विवाह कर लिया। विवाह के बाद वह महिला के रुपए से वह महिला के साथ शिर्डी, मुंबई और गोवा घूमने गया वहां भी महिला का शारीरिक व आर्थिक शोषण करता रहा। कुछ समय बाद महिला को जानकारी हुई कि संजय की पत्नी और दो बच्चे हैं और संजय की पत्नी से उसका तलाक नहीं हुआ है। इस बीच संजय नें पीड़िता से लगभग 55 लाख रुपये हड़प लिए थे। और फिर जून 2019 के बाद उसके बर्ताव में अचानक से परिवर्तन दिखने लगा फिर संजय नें मारपीट करते हुए उसे घर से निकाल दिया।पीड़िता का कहना है कि उसने संजय की बेटी जो मेडिकल की पढ़ाई करने चीन जाने वाली थी उसे पढ़ाई के लिए एक मोटी रकम भी दी थी।पीड़िता ने बताया कि उसने अपने पैसों से संजय के पुराने मकान को तोड़कर नया मकान बनवाया जिसमें भी एक बड़ी रकम खर्च हुई।उसने संजय को गाड़ी खरीदने के लिए भी रुपये दिए थे।
पीड़िता का आरोप है कि जब उसके पास रुपए खत्म हो गए तब संजय उसे धमकाते हुए यह कहकर छोड़ गया कि अब तू तो मेरे किसी काम की नहीं है। यदि कहीं शिकायत करती है तो मैं तुझे जान से मार दूंगा।पीड़िता का कहना है कि संजय के विरुद्ध अपराधिक प्रकरण लंबित है ऐसे में उसे किसी भी थाने में पदस्थापना नहीं दिया जाना चाहिए और उसने डीजीपी के एक आदेश का हवाला भी दिया है जिसमें लिखा है कि अपराधिक प्रकरण का सामना कर रहे निरीक्षक, उप निरीक्षक को तत्काल थानों से हटाया जाए।
पीड़िता ने इस मामले की शिकायत सिविल लाइन थाने के साथ ही पुलिस के उच्च अधिकारियों से भी की है। बावजूद इसके कोई कार्यवाही नहीं होता देख इस मामले की शिकायत राज्य महिला आयोग से की है और अपराधिक प्रकरण दर्ज करनें के लिए कोर्ट में परिवाद भी दायर की है।
पीड़ित महिला ने कोर्ट में शपथ पत्र देकर बताया है कि उनके पास संजय को दी गई राशि व बैंक स्टेटमेंट के साथ पूरे साक्ष्य मौजूद हैं।उनके साथ कि गई धोखाधड़ी व प्रताड़ना की भी रिकार्डिंग है,जिसमें उनकी पहली पत्नी नें भी संजय के कृत्यों को स्वीकार किया है।महिला नें संजय के खिलाफ कार्यवाही की मांग की है।