26वें सिंधु दर्शन उत्सव यात्रा की बुकिंग अंतिम चरण में, 23 से 26 जून लेह-लद्दाख में होगा भारतीय सभ्यता और संस्कृति का मेलजोल।

रायपुर, 12 मई 2022

मेरा भारत, सारा भारत, एक भारत के ध्येय वाक्य को लेकर हिमालय परिवार की ओर से 26वें सिंधु दर्शन उत्सव का लेह-लद्धाख में आयोजन किया जा रहा है। उत्सव की तैयारियां जोरों पर हैं। वहीं इस उत्सव में शामिल होने के लिए यात्रा की बुकिंग भी अंतिम चरण में है।

हिमालय सुरक्षित तो देश सुरक्षित, इस उद्देश्य के निहितार्थ हिमालय परिवार की ओर से बीते 25 वर्षों से सिंधु दर्शन उत्सव का आयोजन लेह-लद्दाख में किया जा रहा है। इस वर्ष 26वीं सिंधु दर्शन यात्रा 18 जून से शुरु होकर 30 जून तक चलेगी। यात्रा के दौरान 23 से 26 जून के बीच चार दिनों तक लेह-लद्दाख में भव्य रंगारंग सांस्कृतिक और राष्ट्रवादी कार्यक्रम आयोजित किये जाएंगे। इस कार्यक्रम में देश भर के अलग-अलग राज्यों से हजारों लोग हर वर्ष शामिल होते हैं।

26वें सिंधु दर्शन उत्सव में शामिल होने के लिए भारत के सभी राज्यों में प्रदेश इकाईयों के जरिये बुकिंग की जा रही है। बुकिंग का आधार पहले आओ-पहले पाओ रखा गया है। अब कुछ ही सीटें शेष हैं। 13 जून तक बुकिंग कराने वाले यात्रियों को उत्सव में शामिल होने का अवसर मिलेगा।  यात्रा में शामिल होने वाले यात्रियों को छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से 15000 रुपये की सब्सिडी भी दी जा रही है।  ये सब्सिडी यात्रा उपरांत यात्रा का टिकट और अन्य दस्तावेज जमा करने पर रिफंड के रूप में उपलब्ध कराई जाएगी।

हिमालय परिवार के छत्तीसगढ़ प्रदेश अध्यक्ष साकेत मिश्रा ने बताया कि यात्रा की शुरुआत 5 अलग-अलग जगहों से होती है। इसमें रायपुर-दिल्ली-लेह-दिल्ली-रायपुर की यात्रा हवाई मार्ग द्वारा तय की जाती है। हवाई मार्ग की यात्रा 22 जून से शुरु होकर 27 जून तक चलती है। हवाई मार्ग से यात्रा करने वाले यात्रियों को यात्रा शुल्क 18000 रुपये प्रति व्यक्ति के हिसाब से देेना होगा जबकि हवाई शुल्क  अलग रहेगा।

दूसरी यात्रा चण्डीगढ़ से सड़क मार्ग से शुरु होकर मनाली, सारचु-लेह- सारचु-मनाली होकर वापस चण्डीगढ़ में समाप्त होती है। ये सड़क मार्ग की यात्रा 19 जून को चण्डीगढ़ से शुरु होकर 29 जून को चण्डीगढ़ में ही समाप्त होती है। इस मार्ग से जाने वाले यात्रियों को 24000 रुपये प्रति यात्रा खर्च वहन करना होता है।

यात्रा का तीसरा मार्ग सड़क के जरिये जम्मू से शुरु होता है जो कि जम्मू से श्रीनगर-कारगिल-लेह-कारगिल-श्रीनगर-जम्मू पर जाकर समाप्त होता है। जम्मू से शुरु होने वाली ये यात्रा 18 जून से प्रारंभ होकर 29 जून को  समाप्त होती है। इसके लिए भी 24000 रुपये प्रति यात्री शुल्क जमा होता है।

यात्रा का चौथा मार्ग भी सड़क के जरिये ही तय किया जाता है। जिसमें यात्रा जम्मू से शुरु होकर श्रीनगर के रास्ते कारगिल-लेह-सारचु-मनाली होते हुए चण्डीगढ़ पर समाप्त होती है। ये यात्रा 18 जून को जम्मू से शुरु होकर 30 जून को चण्डीगढ़ में समाप्त होती है। इसके लिए प्रति यात्री खर्च 26000 रुपये आता है।

पांचवी यात्रा सड़क मार्ग के जरिए चण्डीगढ़ से शुरु होकर चण्डीगढ़-मनाली-सारचु-लेह-कारगिल-श्रीनगर-जम्मू में समाप्त होती है। ये यात्रा 19 जून को चण्डीगढ़ से शुरु होकर 30 जून को जम्मू में समाप्त होती है। इसके लिए 26000 रुपये प्रति यात्री शुल्क जमा करना होता है।

साकेत मिश्रा ने बताया कि जो भी यात्री 26वें सिंधु दर्शन उत्सव में शामिल होना चाहते हैं वो संस्था के रायपुर के घड़ी चौक अमृत संदेश कॉम्पलेक्स स्थित प्रदेश कार्यालय से फॉर्म लेकर जमा कर सकते हैं। सीटों का आवंटन पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर किया जा रहा है। किसी भी आयु वर्ग के यात्री इस यात्रा में शामिल हो सकते हैं।

उन्होंने बताया कि यात्रा के दौरान भक्तिपूर्ण माहौल में यात्रियों का जोश देखते ही बनता है। रोमांच से  भरी इस यात्रा के दौरान यात्रियों को सिंधु एवं बौद्ध संस्कृति के समन्वय से रूबरू होने का मौका मिलता है। सांस्कृतिक, धार्मिक तथा राष्ट्रीय एकता की भावना को बढ़ावा देने वाले इस सिंधु दर्शन उत्सव के दौरान यात्रियों को सिंधु नदी में स्नान, सिंधु नदी में पूजन, रंग बदलते पहाड़, कल-कल बहती नदियों का अप्रतिम सौंदर्य, उतरती-चढ़ती घाटियों की मनोरम छठा, विश्व के सबसे ऊंचे सड़क मार्ग खार्दूंग्ला, विश्व की सबसे लंबी और ऊंची झील पैंगोंग झील, चुम्बकीय पहाड़, गुरुद्वारा पत्थर साहिब और विश्व प्रसिद्ध बौद्ध मंदिर शे हेमेस शिक्से गोम्पा के दर्शन करने का अवसर मिलता है।

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