Category: धर्म-आध्यात्म

राजिम माघी पुन्नी मेला: आस्था, आध्यात्म और संस्कृति का संगम, संस्कृति विभाग हुआ तैयार।

रायपुर, 21 जनवरी 2020 छत्तीसगढ़ के प्रयागराज के नाम से प्रसिद्ध राजिम का विशेष धार्मिक, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व है। प्राचीन काल से ही राजिम मेला लोगों की आस्था, श्रद्धा…

चरित्र निर्माण के बिना विकास और उन्नति की बातें सिर्फ कोरी बकवास : संत शिरोमणि श्री रावतपुरा सरकार

रायपुर, 21 नवंबर वर्तमान समय में मनुष्य चारित्रिक संकट के भीषणतम दौर से गुजर रहा है। मानवीय मूल्यों में निरंतर आ रही गिरावट से आस्थाएं समाप्त होती जा रही हैं।…

तुलसी कौन थी ? क्या आप जानते हैं ?

पंडित चन्द्र नारायण शुक्ल- तुलसी (पौधा) पूर्व जन्म में एक लड़की थी जिस का नाम वृंदा था, राक्षस कुल में उसका जन्म हुआ था। बचपन से ही भगवान विष्णु की…

धनतेरस पर इन वस्तुओं की खरीदारी से आप हो जाएंगे मालामाल !

पं. चंद्र नारायण शुक्‍ल धनतेरस विशेष – दीपावली से पहले कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को मनाये जाने वाले त्योहार को ”धनतेरस” ‘धनवंतरि त्रयोदशी” कहा जाता है और इस दिन सोने…

पवनपुत्र हनुमान जी के पुत्र मकरध्वज का जन्म कैसे हुआ ?

पंडित चन्द्र नारायण शुक्ला- हनुमान जी रामायण कथा के सबसे अहम् पात्र कहे जाते हैं | हनुमान जो कि पवनपुत्र कहे जाते हैं। श्रीराम के सेवक थे जिन्होंने आजीवन अपने…

सत्य सूक्ष्म है, पैसा स्थूल है। न्याय देवता को पैसा दिख जाता है, सत्य नहीं दिखता।

पंडित चन्द्र नारायण शुक्ल- “अभी तक मैं सोचता था कि अर्जुन युद्ध नहीं करना चाहता था, पर कृष्ण ने उसे लड़वा दिया। यह अच्छा नहीं किया। लेकिन अर्जुन युद्ध नहीं…

क्या है शाप और वरदान की शक्ति ? पुराणों में ब्रह्मदण्ड, ब्रह्मशाप और ब्रह्मास्त्र के जिक्र का मतलब जानते हैं आप।

पं. चंद्रनारायण शुक्‍ल शाप और वरदान की शक्ति …. ‘विश्वामित्र कल्प’ में ब्रह्मदण्ड, ब्रह्मशाप, ब्रह्मास्त्र आदि ऐसे प्रसंगों का वर्णन है जिनके आधार पर किसी को दण्ड स्वरूप शाप देने…

देवताओं के वास्‍तुकार भगवान विश्‍वकर्मा की श्री रावतपुरा सरकार इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में विधि-विधान से पूजा की गई।

रायपुर, 17 सिंतबर देवशिल्‍पी यानि देवताओं के वास्‍तुकार भगवान विश्वकर्मा की जयंती पूरे देश में  श्रृद्धा के साथ मनाई गई। मान्‍यता है कि भगवान विश्वकर्मा ने देवताओं के लिए महल,…

क्या है पितृ पक्ष का महत्व, क्यों जरूरी है श्राद्ध देना ?

पं. चंद्रनारायण शुक्‍ल- पितृ पक्ष श्राद्ध 2019 महत्त्व एवं तिथियां 〰〰🔹〰〰🔸〰〰🔹〰〰🔸〰〰 हिन्दू धर्म में मृत्यु के बाद श्राद्ध करना बेहद जरूरी माना जाता है। मान्यतानुसार अगर किसी मनुष्य का विधिपूर्वक…

श्राद्ध की वस्तुएं पितरों को कैसे मिलती हैं ?

पं. चंद्रनारायण शुक्‍ल- श्राद्ध का अर्थ : – ‘श्रद्धया दीयते यत् तत् श्राद्धम्।’ ‘श्राद्ध’ का अर्थ है श्रद्धा से जो कुछ दिया जाए। पितरों के लिए श्रद्धापूर्वक किए गए पदार्थ-दान…

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