नई दिल्ली/रायपुर। बिहार में एनडीए सरकार के गठन और देशभर में हुए विभिन्न उपचुनाव में भाजपा को मिली सफलता के बाद केंद्रीय मंत्रिमंडल के विस्तार को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं।
विस्तार की राह देख रहे नेताओं का मेल-मुलाकातों का दौर शुरू हो गया है। संसद के अगले सत्र के पहले मोदी सरकार के विस्तार की संभावना है, हालांकि, अभी सत्र को लेकर स्थिति साफ नहीं है।
कैबिनेट विस्तार में मध्य प्रदेश उपचुनाव में प्रदेश में भाजपा को सत्ता में लाने में अहम भूमिका निभाने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम भी चर्चा में है। वहीं छत्तीसगढ़ से राज्यसभा सांसद रामविचार नेताम, दुर्ग सांसद सरोज पांडेय, राजनांदगांव सांसद संतोष पांडेय व बिलासपुर सांसद अरुण साव के नाम मंत्री बनने वाली की लिस्ट में शामिल है।
बता दें केंद्रीय मंत्रिमंडल में पहले से ही सरगुजा की सांसद रेणुका सिंह शामिल हैं, जिन्हें महिला बाल विकास विभाग में राज्यमंत्री बनाया गया है। इससे पहले विष्णुदेव साय केंद्र में छत्तीसगढ़ कोटे से राज्यमंत्री बनाए गए थे। बाद में भाजपा ने विष्णुदेव साय को ड्राप करके उन्हें प्रदेश भाजपा अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी है।
सूत्रों की मानें तो भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व अभी विष्णुदेव साय को संगठन में ही रखना चाह रही है। वहीं रेणुका सिंह से कई संगठन नेता नाराज बताए जा रहे हैं। उन पर प्रदेश में समाज कल्याण मंत्री रहने के दौरान भ्रष्टाचार के आरोप भी लग चुके हैं। यहीं वजह है कि उन्हें ड्राप किया जा सकता है।
सिंधिया का केंद्र में मंत्री बनना तय
मध्य प्रदेश उपचुनाव में बड़ी जीत के बाद शिवराज सिंह सरकार अब आसान बहुमत के साथ सत्ता में है। ऐसे में प्रदेश में भाजपा को सत्ता में लाने में अहम भूमिका निभाने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम भी चर्चा में है।
सूत्रों का कहना है कि संसद के अगले सत्र के पहले विस्तार किया जा सकता है। हालांकि कोरोना काल के चलते संसद के शीतकालीन सत्र की तारीखें अभी तय नहीं हो पाई हैं। इस बात की भी संभावना है कि इसे अगले साल के बजट सत्र के साथ जोड़ दिया जाए।
विस्तार में जदयू से भी बढ़़ेंगे मंत्री
भाजपा के साथ सहयोगी दलों खासकर जदयू में भी इस बार संभावित विस्तार की चर्चाएं हो रही हैं। जदयू ने अभी तक खुद को केंद्र सरकार से दूर रखा है, लेकिन अब बदली हुई परिस्थितियों में केंद्र सरकार में हिस्सेदारी कर सकता है।
खासकर तब जबकि राजग में लोजपा कमजोर पड़ी है और उसके इकलौते मंत्री रामविलास पासवान के निधन के बाद बिहार से केवल भाजपा का प्रतिनिधित्व बचा है। राजग के एक और सहयोगी और दलित नेता रामदास अठावले को भी पदोन्नति मिल सकती है।