एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू किए जाने की मांग मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से छत्तीसगढ़
बिलासपुर।उच्च न्यायालय अधिवक्ता संघ द्वारा एक पत्र के माध्यम से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मांग की गई है कि एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट को शीघ्र लागू किया जाए।पत्र में लिखा गया है कि 1 नवंबर 2000 से मध्य प्रदेश से विभाजित होकर छत्तीसगढ़ प्रदेश का नवनिर्माण हुआ था, तत्पश्चात छत्तीसगढ़ राज्य में उच्च न्यायालय का अलग से निर्माण भी हुआ।
छत्तीसगढ़ राज्य में लगभग 35 से 40 हजार अधिवक्ता राज्य अधिवक्ता परिषद से पंजीकृत होकर नियमित वकालत का व्यवसाय कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष सी.के. केशरवानी ने बताया कि एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट राज्य के लिए एक अति महत्वपूर्ण अधिनियम होगा क्योंकि अधिवक्ताओं को सुरक्षा के लिए कोई अन्य फोरम नहीं है जिससे राज्य के अधिवक्ता अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। यदि छत्तीसगढ़ शासन के द्वारा उक्त अधिनियम को यथाशीघ्र लागू नहीं किया जाता तो छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय अधिवक्ता संघ एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट को लागू कराने हेतु आंदोलन करने बाध्य होगा। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय अधिवक्ता संघ का कहना है कि अधिवक्ताओं के विरुद्ध हो रही हिंसा की घटनाओं में इजाफा हुआ है जिससे यह अत्यंत आवश्यक हो गया है कि एडवोकेट प्रोटेक्शन है छत्तीसगढ़ राज्य में शीघ्र लागू किया जाए। संघ का कहना है कि राज्य शासन द्वारा एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट की समिति का गठन किया जा चुका है। छत्तीसगढ़ की सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकार द्वारा अपने चुनावी घोषणा पत्र में भी एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट के संबंध में उल्लेख किया गया था परंतु 2 वर्ष से ज्यादा बीतने के बाद भी इसे लागू नहीं किया जा रहा। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष सी.के. केशरवानी ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के को पत्र लिखकर अति शीघ्र एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट को लागू करने की मांग की है। उन्होंने छत्तीसगढ़ की राज्यपाल सहित प्रदेश के विधि मंत्री को भी पत्र भेजा है। अब देखने वाली बात यह है कि राज्य सरकार अधिवक्ताओं की मांग कब तक पूरी करती है और दूसरी तरफ अधिवक्ता अपनी मांगों को लेकर आंदोलन पर कब जाते हैं।