बिलासपुर।छत्तीसगढ़ राज्य के विभिन्न जिलों में पुलिस विभाग अंतर्गत छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल में पदस्थ हवलदार (नर्सिंग) एवं सहायक प्लाटून कमाण्डर (नरसंग) की 09 (नौ) वर्ष से अधिक की सेवा अवधि बीत जाने के पश्चात् भी प्रमोशन पॉलिसी के अभाव में उनका उच्च पद पर प्रमोशन ना किये जाने से क्षुब्ध होकर याचिकाकर्तागण द्वारा उच्च न्यायालय, बिलासपुर के समक्ष रिट याचिका दायर करने पर उच्च न्यायालय द्वारा उत्तरवादीगण को यह आदेशित किया गया था कि वे प्रमोशन पॉलिसी के संबंध में
याचिकाकर्तागण के अभ्यावेदन का निराकरण कर पात्र पाए जाने पर उनका उच्च पद पर प्रमोशन करें। उच्च न्यायालय, बिलासपुर द्वारा फरवरी 2020 में उक्त मामले में अन्तिम आदेश पारित किये जाने के बावजूद भी डीजीपी, डी. एम. अवस्थी एवं एडीजीपी,
छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल, अशोक जुनेजा द्वारा उच्च न्यायालय के आदेश का पालन ना किये जाने से क्षुब्ध होकर पुष्पेन्द्रसिंग सेंगर, गिरिजानंद साहू एवं अन्य द्वारा उच्च न्यायालय, बिलासपुर के समक्ष हाईकोर्ट अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय एवं लक्ष्मीन कश्यप के माध्यम से अवमानना याचिका दायर की गई अधिवक्तागण द्वारा उच्च न्यायालय के समक्ष यह तर्क प्रस्तुत किया गया कि याचिकाकत्तागण 09 वर्षों से हवलदार (नर्सिंग) एवं सहायक प्लाटून कमाण्डर (नर्सिग ) के पद पर कार्यरत हैं एवं उनका सहायक प्लाटून कमाण्डर (नर्सिंग) एवं प्लाटून कमाण्डर (नसिंग) के पद पर प्रमोशन हेतु पॉलिसी गठन के संबंध में याचिकाकर्ता गण द्वारा प्रस्तुत अभ्यावेदन के नियमानुसार निराकरण हेतु उच्च न्यायालय द्वारा फरवरी 2020 में डीजीपी,डी.एम. अवस्थी एवं एडीजीपी, छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल, अशोक जुनेजा को आदेशित किया गया था परन्तु आज दिनांक को 10 माह से अधिक की समयावधि बीत जाने के पश्चात् भी अवमाननाकर्ता द्वारा उच्च न्यायालय बिलासपुर द्वारा पारित आदेश
का पालन नहीं किया गया जबकि कोरोना महामारी के दौरान अवमाननाकर्तागण द्वारा सैकड़ों पुलिस अधिकारियों/कर्मचारियों का प्रमोशन एवं स्थानांतरण आदेश जारी किया गया जबकि उनके पास उच्च न्यायालय, बिलासपुर द्वारा पारित आदेश का पालन करने हेतु पूर्ण समयामाव था। उच्च न्यायालय बिलासपुर द्वारा उक्त अवमानना
याचिका की सुनवाई के पश्चात् मामले में नाराजगी जाहिर करते हुए एवं अवमानना याचिका को गंभीरता से लेते हुए डीजीपी, डी. एम. अवस्थी एवं एडीजीपी. छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल, अशोक जुनेजा को अवमानना नोटिस जारी कर तत्काल जवाब प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। उक्त अवमानना याचिका की अगली सुनवाई शीतकालीन अवकाश के पश्चात् होगी।
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