मुख्यमंत्री ने भोजपुर जिले में चल रही विकासात्मक योजनाओं की समीक्षात्मक बैठक की। समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने की कई महत्वपूर्ण घोषणायें।

बिहार

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज प्रगति यात्रा के क्रम में भोजपुर जिले में चल रही विकासात्मक योजनाओं के संबंध में जिला समाहरणालय सभागार में समीक्षात्मक बैठक की। समीक्षात्मक बैठक में जिलाधिकारी तनय सुल्तानिया ने भोजपुर जिले में चल रही विकासात्मक योजनाओं की प्रगति एवं अद्यतन स्थिति के संबंध में प्रस्तुतीकरण के माध्यम से विस्तृत जानकारी दी। जिलाधिकारी ने प्रस्तुतीकरण में बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना, मुख्यमंत्री निश्चय स्वयं सहायता भत्ता योजना, कुशल युवा कार्यक्रम, हर घर नल का जल एवं उनका अनुरक्षण, हर घर तक पक्की गली-नाली, मुख्यमंत्री ग्रामीण सोलर स्ट्रीट लाइट योजना, हर खेत तक सिंचाई का पानी, कृषि फीडर का निर्माण, मुख्यमंत्री कृषि विद्युत कनेक्शन योजना, मुख्यमंत्री उद्यमी योजना, उच्चतर शिक्षा हेतु महिलाओं को प्रोत्साहन, स्वास्थ्य उपकेंद्र में टेलीमेडिसिन के माध्यम से चिकित्सा परामर्श, पशु चिकित्सा सेवाओं की डोर स्टेप डिलीवरी एवं पंचायत सरकार भवन के निर्माण की अद्यतन स्थिति के संबंध में मुख्यमंत्री को विस्तृत जानकारी दी। इसके अलावा हर पंचायत में 10+2 विद्यालय, ग्राम पंचायत/नगर पंचायत में खेल-कूद को बढ़ावा देने हेतु स्पोर्ट्स क्लब का गठन, प्रत्येक पंचायत में खेल का मैदान, मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना (अवशेष), मुख्यमंत्री ग्रामीण सेतु योजना, शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों मैं स्वयं सहायता समूहों का गठन, राजस्व प्रशासन में पारदर्शिता, दाखिल खारिज / परिमार्जन / परिमार्जन प्लस एवं जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत जीर्णोद्धार कराए गए सार्वजनिक कुओं, पोखर तथा तालाबों की अद्यतन स्थिति के संबंध में जिलाधिकारी ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया। समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री के समक्ष जनप्रतिनिधियों ने अपने-अपने क्षेत्र की समस्याएं भी रखीं।

समीक्षा बैठक को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं आप सभी का इस समीक्षात्मक बैठक में अभिनंदन एवं स्वागत करता हूं। जिलाधिकारी तनय सुल्तानिया ने भोजपुर जिले में चल रहे विकासात्मक कार्यों की जानकारी दी है, उसको ध्यान में रखना चाहिये। मैं इसके लिये जिलाधिकारी को धन्यवाद देता हूं। यहां उपस्थित जनप्रतिनिधियों ने भी कुछ बातें रखी हैं। आज हमने भी यहां कई जगहों पर जाकर विकास कार्यों को देखा है। हम बराबर घूमते रहते हैं। लोगों से जो जानकारी मिलती है उसको ध्यान में रखते हुए विकास कार्यों को किया जाता है। प्रगति यात्रा शुरू होने से पूर्व ही अधिकारियों ने बैठक कर प्रत्येक जिले की जरूरतों और वहां की समस्याओं के बारे में जानकारी एकत्रित कर ली थी। आज 34वें जिले की प्रगति यात्रा के क्रम में हम यहां पहुंचे हैं। प्रगति यात्रा के क्रम में जो भी घोषणायें की जा रही हैं। उनको कैबिनेट से स्वीकृति भी हमलोग दे रहे हैं। हम अधिकारियों से कहेंगे कि यहां जो भी जरूरतें हैं, उसे ध्यान में रखते हुए आगे की कार्रवाई सुनिश्चित करें। हमारा उद्देश्य है हर प्रकार से बिहार की तरक्की हो। प्रारंभ से ही हमलोग हर क्षेत्र में विकास का काम करते रहे हैं। हमलोगों ने बिहार में कानून का राज स्थापित किया है और विकास कार्यों को निरंतर आगे बढ़ाने में लगे रहते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 24 नवंबर 2005 को बिहार में हमारी सरकार बनी। वर्ष 2005 से पहले बिहार की क्या स्थिति थी, आप सभी इससे अवगत हैं। शाम के बाद लोग अपने घरों से बाहर निकलने में डरते थे। हिन्दू-मुस्लिम के बीच प्रायः झगड़े होते थे, जिसे हमने खत्म कराया। अस्पतालों में इलाज का इंतजाम नहीं था, सड़कें जर्जर थीं। शिक्षा की हालत ठीक नहीं थी। सड़कों का काफी अभाव था। अस्पतालों में मरीजों को दवा नहीं मिलती थी। जब बिहार के लोगों ने हमलोगों को काम करने का मौका दिया, तब से बिहार की स्थिति बदली है। हर क्षेत्र में विकास के काम किए जा रहे हैं। बिहार में अब डर और भय का माहौल खत्म हो गया है। शांति एवं भाईचारा का वातावरण कायम है। श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में हम मंत्री थे। उन्होंने ही हमें मुख्यमंत्री बनवाया। हम सभी जन प्रतिनिधियों की बात बराबर सुनते हैं। उनकी जो जरूरी मांगें होती हैं उन्हें पूरा भी किया जाता है, चाहे वह किसी भी पार्टी के क्यों न हों।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में पहले बिजली की स्थिति काफी दयनीय थी। ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली न के बराबर रहती थी, जबकि राजधानी पटना में 8 घंटे से अधिक बिजली की आपूर्ति नहीं हो पाती थी। हिंदू-मुस्लिम विवाद खत्म करने के लिये वर्ष 2006 से हमलोगों ने कब्रिस्तानों की घेराबंदी का काम शुरू कराया। अब तक 8 हजार से अधिक कब्रिस्तानों की घेराबंदी करा दी गई है, 1273 और कब्रिस्तानों को चिह्नित किया गया है, जिसमें से 746 कब्रिस्तानों की घेराबंदी करा दी गई है और शेष बचे कब्रिस्तानों की घेराबंदी कराई जा रही है। हमलोगों ने देखा कि मंदिरों से मूर्ति चोरी की घटनाएं हो रही हैं, इसे देखते हुए 60 वर्ष से पुराने मंदिरों की चहारदीवारी के निर्माण का निर्णय लिया ताकि मंदिरों में चोरी की घटनाएं न हों। हमलोगों ने कोई काम नहीं छोड़ा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में सुधार लाने के लिये हमलोगों ने काफी काम कराया। बड़ी संख्या में नये स्कूल भवन बनाये गये। नियोजित शिक्षकों की बहाली की गई। वर्ष 2006 से सरकारी विद्यालयों में पढ़नेवाले बच्चों के लिए पोशाक योजना की शुरुआत की गई। वर्ष 2009 से लड़कियों के लिए साइकिल योजना शुरू की गई थी लेकिन जब लड़कों ने मांग शुरू की तो वर्ष 2010 से उनके लिए भी साइकिल योजना शुरू की गई। पहले काफी कम संख्या में लड़कियां पढ़ने जाती थीं। लड़कियों को जब साइकिल दी गई तो वे समय पर स्कूल जाने लगीं। साथ ही शाम में अपने माता-पिता को भी बाजार ले जाती हैं। उन्होंने कहा कि पूरे बिहार में विकास का काम हमलोग करा रहे हैं। बिहार का कोई भी इलाका विकास से वंचित नहीं है। हमलोगों ने शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, पुल-पुलिया के निर्माण का काम बड़े पैमाने पर कराया है, जिसके कारण बिहार के किसी भी कोने से पहले 6 घंटे में लोग पटना पहुंचते थे, अब उसे घटाकर 5 घंटे किया गया है, इसके लिए हर प्रकार से काम किया जा रहा है। बिहार में बड़े पैमाने पर नियोजित शिक्षकों की बहाली की गई है। स्कूल भवनों का निर्माण कराकर शिक्षा के क्षेत्र में सुधार लाने का प्रयास किया गया है। बड़ी संख्या में सरकारी शिक्षकों की भी बहाली की जा रही है। इसके साथ ही नियोजित शिक्षकों को परीक्षा के माध्यम से सरकारी मान्यता प्रदान की जा रही है। मदरसों को भी सरकारी मान्यता प्रदान की गई और वहां पढ़ाने वाले शिक्षकों को सरकारी शिक्षक के अनुरूप वेतन दिया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2005 से पहले प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में एक माह में सिर्फ 39 मरीज इलाज कराने आते थे। हमलोगों ने सरकारी अस्पतालों में मुफ्त दवा एवं इलाज की सुविधा उपलब्ध कराई, जिसके कारण अब एक माह में औसतन 11 हजार से अधिक मरीज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज कराने पहुंच रहे हैं। आप सभी इसे याद रखियेगा। पहले बिहार में सिर्फ 6 सरकारी मेडिकल कॉलेज थे, अब उनकी संख्या बढ़कर 12 हो गई है। बिहार का सबसे पुराना अस्पताल पटना मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (पी एम सी एच) को 5400 बेड की क्षमता का बनाया जा रहा है। बाकी 5 पुराने मेडिकल कॉलेज एवं अस्पतालों का भी विस्तार कर 2500 बेड की क्षमता का अस्पताल बनाया जा रहा है। आई जी आई एम एस, पटना का भी विस्तार कर उसे 3000 बेड की क्षमता का अस्पताल बनाया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोगों ने वर्ष 2015 से सात निश्चय योजना के माध्यम से हर घर तक नल का जल, हर घर में शौचालय का निर्माण, हर घर तक पक्की गली नाली निर्माण, हर टोले तक पक्की सड़क का निर्माण, हर घर तक बिजली का कनेक्शन जैसी मूलभूत सुविधाएं लोगों तक पहुंचा दी है। जो भी नई बसावटें बनी हैं, उनमें भी ये सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। वर्ष 2020 से सात निश्चय योजना-2 के तहत मुख्यमंत्री ग्रामीण सोलर स्ट्रीट लाइट योजना, टेलीमेडिसिन, बाल हृदय योजना, हर खेत तक सिंचाई का पानी पहुंचाने का काम तेजी से आगे बढ़ रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाओं के उत्थान के लिये हमलोग लगातार प्रयास कर रहे हैं ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें। हमलोगों ने वर्ष 2006 से पंचायती राज संस्थाओं तथा वर्ष 2007 से नगर निकायों में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण देने का प्रावधान लागू किया। इसके बाद अब तक कुल 4 चुनाव संपन्न हो चुके हैं। बड़ी संख्या में महिलाएं चुनकर आई हैं। पहले बिहार में स्वयं सहायता समूह की संख्या काफी कम थी। जब हमलोगों की सरकार बिहार में बनी तो हमलोगों ने वर्ष 2006 में विश्व बैंक से कर्ज लेकर स्वयं सहायता समूह की संख्या को बढ़ाया। बिहार में अब स्वयं सहायता समूह की संख्या 10 लाख 61 हजार हो गई है, जिससे 1 करोड़ 35 लाख जीविका दीदियां जुड़ी हैं। हमलोगों ने विश्व बैंक से कर्ज लेकर स्वयं सहायता समूह की संख्या बढ़ानी शुरू की। हमने ही स्वयं सहायता समूह का नाम जीविका दिया और इससे जुड़ी महिलाओं को जीविका दीदी कहा। हमलोगों के कार्यों से प्रेरित होकर उस समय की केंद्र सरकार ने भी इसे अपनाया और इसका नाम आजीविका दिया। हमलोगों ने अब बिहार के शहरी क्षेत्रों में भी स्वयं सहायता समूह का गठन शुरू कराया है। अब तक शहरी इलाकों में 34 हजार स्वयं सहायता समूह का गठन हो चुका है, जिससे 3 लाख 60 हजार जीविका दीदियां जुड़ चुकी हैं। हमलोगों ने वर्ष 2013 से पुलिस की बहाली में महिलाओं को 35 प्रतिशत आरक्षण देने का फैसला लिया, जिसका नतीजा है कि बिहार पुलिस बल में महिलाओं की संख्या देश में सबसे अधिक है। बिहार पुलिस में जितनी महिलाएं हैं, देश के किसी भी दूसरे राज्य के पुलिस बल में महिलाओं की संख्या उतनी नहीं है। वर्ष 2018 से हमलोगों ने सभी सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 35 प्रतिशत आरक्षण दिया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2005 से वर्ष 2020 के बीच में 8 लाख लोगों को सरकारी नौकरी दी गई। हमलोगों ने सात निश्चय योजना-2 के तहत वर्ष 2020 में 10 लाख लोगों को सरकारी नौकरी देने का लक्ष्य निर्धारित किया था, जिसे बढ़ाकर 12 लाख किया गया है। अब तक 9 लाख से अधिक लोगों को सरकारी नौकरी दे दी गई है। इसके अलावा 10 लाख लोगों को रोजगार देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। अब तक 24 लाख लोगों को रोजगार मुहैया कराया जा चुका है। वर्ष 2025 में निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप 12 लाख लोगों को सरकारी नौकरी तथा 34 लाख लोगों को रोजगार मुहैया करा दिया जाएगा। हमलोगों ने सभी वर्गों के उत्थान के लिए काम किया है। सभी पार्टियों के साथ बैठक कर बिहार में जाति आधारित गणना कराई गई, जिसमें 94 लाख गरीब परिवारों को चिह्नित किया गया है, जो हर जाति से जुड़े हैं। ऐसे गरीब परिवारों को प्रति परिवार 2 लाख रुपये की आर्थिक मदद दी जा रही है ताकि वे अपना जीविकोपार्जन कर सकें। मुख्यमंत्री ने कहा कि भोजपुर जिला में विकास के अनेक कार्य कराए गए हैं। यहां इंजीनियरिंग कॉलेज, पारा मेडिकल संस्थान और छात्रावासों का निर्माण कराया गया है। साथ ही राजकीय पॉलिटेक्निक संस्थान, महिला आई टी आई, सभी अनुमंडलों में आई टी आई, जी एन एम संस्थान एवं अनेक सड़क तथा पुल-पुलियों का निर्माण कराया गया है। यहां जननायक कर्पूरी ठाकुर अत्यंत पिछड़ा वर्ग छात्रावास का निर्माण कराया गया है। डुमरांव में वीर कुंवर सिंह कृषि महाविद्यालय का निर्माण कराया गया है। भोजपुर जिले के कोईलवर में बिहार राज्य मानसिक स्वास्थ्य संस्थान की स्थापना की गई है। अन्य पिछड़ा वर्ग कन्या आवासीय विद्यालय तथा अनुसूचित जाति कन्या आवासीय विद्यालय का निर्माण कराया गया है। भोजपुर जिले में सिंचाई सुविधाओं का विकास कराया गया है। यहां 60 चेकडैम का निर्माण एवं नहरों का विस्तारीकरण करया गया है। आरा शहर में आर ओ बी का निर्माण किया गया है। सिंचाई सुविधाओं का भी काफी विकास किया गया है। वर्ष 2017 में आरा-सारण के बीच गंगा नदी पर वीर कुंवर सिंह सेतु का निर्माण कराया गया है। बक्सर से भोजपुर जिला के कोईलवर तक 4 लेन पथ का निर्माण कराया जा चुका है। भोजपुर जिला में 61 पंचायत सरकार भवन का निर्माण कार्य पूर्ण हो गया है। शेष पंचायत सरकार भवन का निर्माण कार्य इसी साल के जून माह तक पूर्ण करा दिया जायेगा। भोजपुर जिले में 3 विद्युत ग्रिड सब स्टेशन तथा 32 पावर सब स्टेशन का निर्माण कराया गया है। भोजपुर में 43 डेडिकेटेड कृषि फीडर का निर्माण कराया गया है, जिससे 5202 किसानों को सिंचाई हेतु बिजली कनेक्शन उपलब्ध कराया गया है। भोजपुर में 20 हजार 752 स्वयं सहायता समूह से 2 लाख 56 हजार जीविका दीदियां जुड़ी हुई हैं। यहां 10 जीविका दीदी की रसोई संचालित है।

भोजपुर जिले में लोगों की मांगों के संबंध में मुख्यमंत्री की महत्वपूर्ण घोषणायें

आरा में रिंग रोड का निर्माण कराया जायेगा। इस योजना में 02 नई सड़कों का निर्माण एवं 04 सड़कों का चौड़ीकरण किया जायेगा, इससे लोगों को आवागमन में काफी सुविधा होगी।

असनी से बामपाली एवं पातर से असनी तक नये पथ का निर्माण किया जायेगा। जीरो माईल से असनी पथ, जीरो माईल से पातर पथ, बामपाली से चन्दवा मोड़ होते हुए पकड़ी तक तथा आरण्य देवी मंदिर (आरा) से आरा बक्सर फोरलेन पथ (वाया आरा-सिन्हा एवं आरा-बड़हरा) का चौड़ीकरण किया जायेगा।

आरा-बबुरा-छपरा पथ का चौड़ीकरण किया जायेगा, इससे यातायात सुगम होगा तथा जाम की गंभीर समस्या से निजात मिलेगी।

संदेश से अखगाँव होते हुए कोईलवर तक नहर के बांध पर पथ निर्माण किया जायेगा, इससे संदेश, सहार, अगिगाँव प्रखंड के साथ-साथ पीरो प्रखंड के पूर्वी भाग का जे पी गंगा पथ से सीधे सम्पर्क हो जायेगा। साथ ही लोगों को पी एम सी एच, पटना आने में सुविधा होगी।

आरा नगर निगम क्षेत्र अन्तर्गत स्टॉर्म वाटर ड्रेनेज सिस्टम के तहत आउटफॉल नाला तथा सम्प हाउस का निर्माण किया जायेगा। इसके अतिरिक्त न्यू पुलिस लाईन से एम पी बाग मोड़ तक नाले का निर्माण किया जायेगा, इससे आरा शहरी क्षेत्र में जलजमाव से मुक्ति मिलेगी तथा स्वच्छता को बढ़ावा मिलेगा।

बिहियाँ-जगदीशपुर-पीरो-सिकरहटा पथ में ओझवलिया पुल से बचरी पुल तक बाईपास का निर्माण कराया जायेगा, इससे पीरो के लोगों को जाम से निजात मिलेगी।

बिहियाँ चौरस्ता से एन एच-922 तक पथ का चौड़ीकरण किया जायेगा, इससे लोगों को आवागमन में काफी सुविधा होगी।

तरारी प्रखंड में ग्राम देव में अवस्थित सूर्य मंदिर परिसर का विकास तथा संग्रहालय का निर्माण किया जायेगा, इससे श्रद्धालुओं को सुविधा मिलेगी।

चंदवा से गांगी होते हुये धरहरा तक नहर बाँध पर सड़क निर्माण किया जायेगा, इससे लोगों को आवागमन में काफी सुविधा होगी।

आरा रेलवे स्टेशन से जज कोठी मोड़ तक पथ का चौड़ीकरण किया जायेगा, इससे लोगों को आवागमन में काफी सुविधा होगी।

भोजपुर जिले में आरा सदर, उदवन्तपुर, कोइलवर, चरपोखरी, तरारी, पीरो, बिहिया, शाहपुर, संदेश एवं सहार कुल 10 प्रखंडों में नये प्रखंड-सह-अंचल कार्यालय भवन का निर्माण कराया जायेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हमने यहां कुछ जगहों पर जाकर विकास कार्यों को देखा है, स्थानीय लोगों से बातचीत भी की है। जो भी कमियां हैं, उसे दूर की जायेंगी। हर क्षेत्र में विकास के काम हो रहे हैं। आगे इसे और तेजी से कराया जायेगा। समीक्षा बैठक में जिलाधिकारी ने मुख्यमंत्री को पुष्प गुच्छ एवं प्रतीक चिन्ह भेंटकर उनका स्वागत किया।

समीक्षा बैठक में उप मुख्यमंत्री सह भोजपुर जिला के प्रभारी मंत्री विजय कुमार सिन्हा, बिहार विधान परिषद् के सभापति अवधेश नारायण सिंह, जल संसाधन सह संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी, सांसद सुदामा प्रसाद, विधायक अमरेंद्र प्रताप सिंह, विधायक राघवेंद्र प्रताप सिंह, विधायक रामबिशुन सिंह, विधायक राहुल तिवारी, विधायक शिव प्रकाश रंजन, विधायक विशाल प्रशांत, विधान पार्षद राधाचरण साह, विधान पार्षद भगवान सिंह कुशवाहा, भोजपुर जिला परिषद् की अध्यक्ष आशा देवी, आरा नगर निगम की महापौर इंदू देवी, जिला कार्यक्रम कार्यान्वयन समिति के उपाध्यक्ष संजय कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा, अपर पुलिस महानिदेशक, मुख्यालय कुंदन कृष्णन, मुख्यमंत्री के सचिव कुमार रवि, विभिन्न विभागों के अपर मुख्य सचिव/ प्रधान सचिव/सचिव, पटना प्रमंडल के आयुक्त मयंक बरवड़े, शाहाबाद प्रक्षेत्र के पुलिस उप महानिरीक्षक सत्यप्रकाश, भोजपुर जिला के जिलाधिकारी तनय सुल्तानिया, भोजपुर जिला के पुलिस अधीक्षक राज सहित अन्य वरीय अधिकारी उपस्थित थे।

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