देवप्रयाग,12 मई 2021

उत्तराखंड के टिहरी जिले के देवप्रयाग (Uttarakhand Devprayag) में बादल फटने से भारी तबाही हुई है. नगर पालिका की बिल्डिंग सहित दो भवन जमींदोज हो गए. पूरा क्षेत्र मलबे से पट गया है. मंगलवार शाम को सतयुग के तीर्थ देवप्रयाग में करीब पांच बजे शांता नदी के ऊपरी छोर पर बादल फटने से नदी ने विकराल रूप धारण कर लिया. नदी में आए मलबे ने शांति बाजार में भारी तबाही मचाई है. पैदल पुल का भी कहीं अता पता नहीं है.

 एसडीआरएफ की टीम मौके पर

रुद्रप्रयाग में बादल फटने की घटना पर प्रदेश के डीजीपी अशोक कुमार ने कहा कि कर्फ्यू की वजह से दुकानें बंद थीं लिहाजा कोई जनहानि नहीं हुई है. एसडीआरएफ की टीम वहां पहुंच चुकी है और मदद की जा रही है. टिहरी जिले में बादल फटने से नदियों का जलस्तर बढ़ गया है. बादल फटने के बाद घटनास्थल की तस्वीरें तबाही का मंजर बयां कर रही हैं. नदियों का जलस्तर उफान पर आने से लोगों में दहशत का माहौल है. नदी के किनारे बसे लोगों के घरों को बादल फटने की घटना के बाद भारी परेशानी हो रही है. नदी के साथ आए मलबे से भारी तबाही मची है.

राहत बचाव कार्य जारी

देवप्रयाग में बादल फटने से बिजली की लाइन, पानी की लाइन को भी भारी नुकसान की सूचना है. गनीमत ये रही कि शहर में मलबा घुसने से पहले लोग दुकानों को छोड़कर इधर-उधर हो गए, अन्यथा यहां बड़ी जनहानि होती. सूचना के बाद पुलिस और प्रशासन मौके पर पहुंच गया है. नगर पालिका अध्यक्ष कृष्ण कांत कोटियाल ने बताया कि बादल फटने से शहर में भारी नुकसान हुआ है. उन्होंने बताया कि अभी नुकसान का आंकलन करना मुश्किल है.

CM ने दिए नुकसान का आंकलन करने के निर्देश

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा है, ‘अलकनंदा और भागीरथी नदियों के संगम स्थल देवप्रयाग में दैवीय आपदा की सूचना है. बताया गया है कि ऊंची पहाड़ी में बादल फटने से देवप्रयाग में कई दुकानें और आवासीय भवन क्षतिग्रस्त हुए हैं. ईश्वर की कृपा है कि इस प्राकृतिक घटना में कोई जनहानि नहीं हुई है. मैंने जिला प्रशासन और पुलिस के अधिकारियों को घटनास्थल पर पहुंचने और प्रभावित लोगों को तत्काल राहत देने के निर्देश दिए हैं. आपदा से हुए नुकसान की विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा गया है.’

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