रायपुर, 3 मई 2023
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि बजरंग दल आरएसएस और भाजपा की विचारधारा का पोषित संगठन है। यह संगठन न संपूर्ण हिन्दू समाज का प्रतिनिधित्व नहीं करता है और न ही यह संगठन बजरंग दल नाम होने मात्र से पवन पुत्र हनुमान जी हो जाता है।
शुक्ला ने कहा कि किसी भी संगठन को हिन्दुओं के आराध्य से तुलना किया जाना गलत और अस्वीकार्य है। भाजपा को बजरंग दल पर प्रतिबंध से आपत्ति है तो बजरंग दल पर प्रतिबंध का राजनैतिक विरोध करें लेकिन उसका पैरोकार बनते-बनते उसकी तुलना भगवान से किया जायेगा तो इसकी आलोचना की जायेगी।
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सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भगवान बजरंग बली त्याग, वीरता, समर्पण की प्रतिमूर्ति है। उन्होंने अपने आराध्य प्रभु श्रीराम जी की सेवा के लिये अपना संपूर्ण जीवन लगा दिया था। वे विरोधियों के लिये भी दया का भाव रखते थे, विद्वेष, छल, कपट उनके व्यक्तित्व से कोसो दूर था। बजरंग दल का चरित्र धार्मिक अतिवाद का है। बजरंग दल समाज में भय और आतंक का पर्याय बना हुआ है। ऐसे में भाजपा और आरएसएस के राजनैतिक स्वार्थ के लिये देश में आपसी विद्वेष पैदा करने वाला संगठन भगवान बजरंग बली तो क्या उनके नाखून के बराबर भी नहीं हो सकता।
सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि बजरंग दल की कार्यप्रणाली शुरू से संदिग्ध रही है। पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी ने स्पष्ट रूप से कहा था कि बजरंग दल ने हमेशा से केवल शर्मिंदा किया है। अटल जी ने आरएसएस से बजरंग दल पर लगाम लगाने का आग्रह किया था। हिंदू महासभा ने कट्टर पंथियों की तरह हिंसक तरीके अपनाने पर बजरंग दल की आलोचना की थी।
अप्रैल 2006 में नांदेड़ में बम बनाने की प्रक्रिया के दौरान बजरंग दल के 2 कार्यकर्ता मारे गये। हथियार बांटना, उन्माद फैलाना, चंदाखोरी, दंगाई, जबरिया सिंदूर भरवाकर शादी करवाना सनातनी चरित्र नहीं हो सकता। उड़ीसा में ग्राहम स्टेन को जिंदा जलाने के मामले में बजरंग दल के तत्कालीन प्रदेश प्रभारी प्रताप सारंगी आरोपी थे जिसे केंद्रीय गृह राज्य मंत्री बनाया। 2003 में भरपानी में बम विस्फोट में बजरंग दल की संलिप्तता उजागर हुई। सितंबर 2008 में कर्नाटक में हुए दंगों में बजरंग दल शामिल रहा। ऐसे दल का भगवान बजरंग बली से कोई संबंध नहीं हो सकता।