रायपुर, 15 जून 2022

केन्द्र की मोदी सरकार के तानाशाही भरे रवैये और ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) जैसी संस्थाओं के दुरुपयोग के विरोध में प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और कार्यकर्ता 16 जून को धरना देंगे और पैदल मार्च करेंगे। 16 जून को सुबह साढ़े दस बजे पीसीसी चीफ मोहन मरकाम की अगुवाई में रायपुर के अंबेडकर चौक पर कांग्रेसी नेता धरना देंगे। यहां से राजभवन तक पैदल मार्च कर राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा जाएगा।

कांग्रेस का आरोप है कि मोदी सरकार विपक्ष की आवाज को कुचलना चाहती है। इसीलिये अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के दिल्ली स्थित मुख्यालय में घुसकर दिल्ली पुलिस ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के साथ मारपीट और बर्बरता की है। इधर 17 जून को कांग्रेस नेता ब्लॉक स्तरीय धरना प्रदर्शन करेंगे।

कांग्रेस नेता और सांसद राहुल गांधी को तीन दिन से ईडी द्वारा की जा रही पूछताछ को कांग्रेस ने अलोकतांत्रिक करार दिया है। नगरीय प्रशासन मंत्री शिव डहरिया ने आज पीसीसी मुख्यालय राजीव भवन में कहा कि एआईसीसी मुख्यालय में घुसकर दिल्ली पुलिस का लाठीचार्ज करना मोदी सरकार की तानाशाही को दिखाता है।  डहरिया ने कहा कि
कांग्रेस के वरिष्ठ पदाधिकारियों को भी एआईसीसी दफ्तर के अंदर नहीं जाने दिया गया।  केंद्र सरकार दमनकारी और अलोकतांत्रिक बर्बर रुख पर उतर आई है । कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को विद्वेष पूर्ण तीन दिनों से ईडी दफ्तर बुला कर परेशान किया जा रहा है । राहुल गांधी पूरा सहयोग कर रहे ,सारे तथ्यों को स्प्ष्ट कर दिया गया उसके बावजूद राहुल गांधी जी के साथ जानबूझ कर ऐसा व्यवहार कर रही जैसे वे बहुत बड़े गुनाहगार हो ।

राहुल गांधी से पूछताछ में कुछ भी गलत नही मिल रहा तो विपक्ष का मनोबल तोड़ने के लिए मोदी सरकार सत्ता का दुरूपयोग कर रही है। मोदी सरकार अपनी चौतरफा नाकामियों को छिपाने के लिए विपक्ष पर अनैतिक प्रहार कर मंहगाई बेरोजगारी भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों से जनता का ध्यान हटाने के लिए यह स्तरहीन राजनीति कर रही है।

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शिव डहरिया ने कहा कि राहुल गांधी देश के अकेले विपक्षी नेता है जो बेखौफ होकर मोदी सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ सड़क से लेकर सदन तक खड़े रहे हैं। मोदी सरकार ने बौखला कर ‘इलेक्शन मैनेजमेंट डिपार्टमेंट’ यानी ईडी के पीछे छिपकर देश की निडर आवाज राहुल गांधी पर हमला बोला है। ये हमला विपक्ष की उस निर्भीक आवाज पर है, जो जनता के सवालों को दृढ़ता से सरकार के समक्ष रखते हैं और सरकार से जवाबदेही मांगते हैं, जो जनता के मुद्दों को भयमुक्त तरीके से, निडरता से उठाते हैं। भाजपाई सत्ता की एजेंसियों के डर से कितने ही लोगों ने समझौता कर लिया, भाजपा में माफीनामा देकर शामिल हो गए, दूध के धुले बन गए। कितनों ने घुटने टेक दिए। कितनों ने अपनी आत्मा बेच दी, लेकिन राहुल गांधी वो व्यक्ति हैं, जिन्होंने सरकार की आँख में आँख डालकर जनता के सवाल उठाए हैं। इसलिए उनसे मोदी को परेशानी है।

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