सांची, 14 अप्रैल 2021
मध्य प्रदेश में कोरोना के बढ़ते मामलों ने स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर किए जाने वाले दावों की पोल खोलकर रख दी है. राज्य में कोरोना के रोजाना मामलों की संख्या 6 हजार के चिंताजनक आंकड़े को पार कर चुकी है. कर्मचारियों की कमी के चलते अस्पतालों में अब माली (बागबानी करने वाला) के जरिए कोविड-19 के सैंपल जमा किए जा रहे हैं.
सैंपल लेने वाला अस्पताल का स्थायी कर्मी नहीं !
सैंपल एकत्रित करने वाले हल्के राम, अस्पताल के स्थायी कर्मचारी भी नहीं हैं. जब उनसे सवाल किया गया कि आप यह सैंपल क्यों ले रहे हैं तो उन्होंने बताया कि अस्पताल के ज्यादातर कर्मचारी कोरोना संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं, मैं अस्पताल का माली हूं और पर्मानेंट भी नहीं हूं. वहीं अस्पताल के BMO इनचार्ज राजश्री तिड़के ने इसका बचाव करते हुए कहा कि माली को सैंपल लेने की ट्रेनिंग दी गई है. उन्होंने कहा कि हम क्या कर सकते हैं. अस्पताल का ज्यादातर स्टाफ इस खतरनाक वायरस के संक्रमण की चपेट में है. आपातकाल स्थितियों के लिए हमें दूसरे स्टाफ को ट्रेनिंग देनी पड़ी, जिसमें माली भी शामिल है.
हैरान करने वाली बात ये है कि यह नजारा जिस जिले के सरकार अस्पताल का है, उसका प्रतिनिधित्व खुद राज्य के स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर प्रभुराम चौधरी करते हैं, जोकि इन दिनों उपचुनावों के प्रचार में जुटे हुए हैं. डॉ चौधरी, ज्योतिरादित्य सिंधिया के करीबी माने जाते हैं. कमलनाथ सरकार गिरने से पहले वह बीजेपी में शामिल हो गए थे. रविवार को दमोह में उन्हें कई जगहों पर महिला सम्मेलनों में संबोधन करते हुए देखा गया.
सियासत जारी
वहीं इस मामले पर राजनीतिक बयानबाजी का दौर भी शुरू हो गया है. कांग्रेस नेता सयैद जफर ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि मैं किसी ऐसे शख्स की तलाश कर रहा हूं जो मुझे बता सके कि राज्य के स्वास्थ्य मंत्री ने पिछले 8 दिनों में किसी भी मेडिकल कॉलेज का दौरा किया हो या फिर समीक्षा बैठक की हो. अगर कोई बता सकता है तो मैं उसे 11 हजार एक रुपये का इनाम दूंगा. बता दें कि सोमवार को मध्य प्रदेश में अब तक के सर्वाधिक 6,489 नए मामले सामने आए हैं. राज्य में अब तक 3,01,0762 मरीज स्वस्थ हो गये हैं और 38,651 मरीजों का इलाज विभिन्न अस्पतालों में चल रहा है.