रायपुर

जल जीवन मिशन में फर्जीवाड़े की लगातार शिकायतें मिल रही हैं। एक ऐसा ही मामला रायपुर में दर्ज हुआ है। दरअसल महाराष्ट्र की एक कंपनी ने फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल कर जल जीवन मिशन के तहत 26 करोड़ रुपये का ठेका हासिल कर लिया है। कंपनी को वर्क ऑर्डर तक जारी किया गया। कंपनी जब काम शुरू करने वाली थी तभी एक ठेके दार ने इसकी शिकायत की। अब सरकार बदलने के बाद पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है। विभाग की शिकायत के बाद सिविल लाइंस पुलिस ने धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस फिलहाल मामले की जांच कर रही है। जल्द ही इस मामले में पुलिस महाराष्ट्र में छापेमारी करेगी।

पुलिस ने बताया कि 2023 में जल जीवन मिशन में 26 करोड़ से ज्यादा का टेंडर निकाला था। इसमें सबसे ज्यादा काम बिलासपुर में होने थे। इस काम को लेने के लिए कंपनी ने अनुभव प्रमाण पत्र, शपथ पत्र समेत अन्य दस्तावेज जमा किए थे। कंपनी ने अनुबंध हासिल करने के लिए फर्जी हलफनामे, अनुभव प्रमाण पत्र और अन्य दस्तावेजों का इस्तेमाल किया। यह आश्चर्यजनक है कि विभाग ने इन फर्जी दस्तावेजों के आधार पर अनुबंध दिया और कार्य आदेश जारी किया। कंपनी के परिसरों पर छापेमारी की जानी है और निविदा प्रक्रिया में शामिल अधिकारियों को पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा।

इंजीनियर मंगल सिंह ने बताया कि, 2023 में विभाग ने टेंडर जारी किया था, जिसमें मेसर्स विजय वी. सालुंखे ने फर्जी दस्तावेज पेश किए थे। विजय वी. सालुंखे के मालिक ने अपने प्रमाण-पत्र में कराडे नगर परिषद, सतारा जिला, महाराष्ट्र से कार्य अनुभव प्रमाण-पत्र लगाया था, लेकिन जांच में यह प्रमाण-पत्र फर्जी पाया गया। विभाग की ओर से दर्ज कराई गई शिकायत के बाद सिविल लाइंस पुलिस ने धारा 420, 467, 468, 471 और 3471 के तहत मामला दर्ज किया है। वहीं पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और उस समय शामिल अधिकारियों की भूमिका की भी जांच की जा रही है। साथ ही, ठेकेदार की सिफारिशों के आधार पर ठेके देने वाले अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की तैयारी की जा रही है।

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