बिलासपुर, 25 जुलाई 2020

तखतपुर के मेड़पारा में पंचायत के पुराने भवन में दम घुटने से हुई गायों की मौत के मामले में सरपंच और सचिव सहित की अन्य लोगों पर पशु क्रूरता अधिनियम की धारा 13 और आईपीसी की धारा 429 के तहत केस दर्ज किया गया है। वेटनरी डॉक्टरों ने प्रारंभिक  जांच में गायों की मौत दम घुटने से होना बताया है। इस घटना में कई गायों को बचा लिया गया है। एडीएम की अध्यक्षता में जांच कमेटी का गठन किया गया है, जो पूरे प्रकरण की जांच कर अपनी रिपोर्ट देंगे।

बिलासपुर के कलेक्टर साराँश मित्तर के मुताबिक गायों की मौत की घटना दुखद है। जांच  कमेटी की रिपोर्ट आने पर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल एफआईआर दर्ज कर ली गई हैं। य़ह जानते हुए भी कि गायों को छेककर घरों में रखा जाना है। बावजूद इसके बिना किसी सूचना और सरपंच ने मनमानी करते हुए गायों को जबरदस्ती घर से लाकर जर्जर भवन में रखा। यह अक्षम्य अपराध है। पता लगाया जा रहा है कि इस घटना के पीछे सरपंच के साथ सचिव की क्या भूमिका है। यदि दोषी पाया जाता है तो कार्रवाई होगी। जबकि सचिव और सरपंच समेत सभी को मालूम है कि मे़ड़पार स्थित जर्जर भवन को गौठान बनाया ही नहीं जा सकता है। और ना ही बनाने का आदेश ही दिया गया है।  बावजूद इसके घरों से जबरदस्ती गायों को एक दिन पहले लाकर जर्जर भवन में रखा गया। हम पता लगा लेंगे कि इसके लिए जमीनी स्तर पर जिम्मेदार कौन है।

कलेक्टर ने जानकारी दी कि गंभीर गायों का इलाज किया जा रहा है। मृत गायों के मालिकों को मुआवजा तत्काल दिया जाएगा। कलेक्टर ने कहा कि अपने स्वार्थ के लिए रोका छेका योजना से खिलवाड़ करने वालों को भी नहीं छोड़ा जाएगा।जिला प्रशासन ने दम घुटने से हुई गायों की मौत की संख्या 45 बताई है। जबकि अभी तक 50 गायों के मरने की बात कही जा रही थी।

 

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