नई दिल्ली, 26 अगस्त 2020
अपने घर के झगड़ों को सुलझाने में जुटी कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने विपक्षी दलों को एक जाजम पर लाने की कोशिश कर मोदी सरकार को एकजुटता दिखाई है। संयुक्त प्रवेश परीक्षा (JEE) और राष्ट्रीय योग्यता सह प्रवेश परीक्षा (NEET) को लेकर सोनिया गांधी ने विपक्ष को एकसूत्र में पिरोने का प्रयास किया है। इस मुद्दे पर पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी को भरपूर साथ सोनिया गांधी को मिला है।
JEE-NEET की परीक्षा और GST मुआवजे का उठा मुद्दा
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ सात विपक्षी राज्यों के सीएम की मीटिंग में परीक्षा और जीएसटी कंपेनसेशन का मुद्दा उठा। सभी सीएम ने केंद्र सरकार से परीक्षा की तारीख को आगे बढ़ाने का आग्रह किया है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे भी वर्चुअल मीटिंग में शामिल हुए। उनकी मौजूदगी को लेकर संदेह जाहिर किया जा रहा था।
ममता ने कहा- एकजुट हो चलें सुप्रीम कोर्ट
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने वर्चुअल मीटिंग में मौजूद मुख्यमंत्रियों से JEE और NEET की परीक्षा स्थगित करवाने के लिए एकजुट होने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, ‘सभी राज्य सरकारों से मेरा आग्रह है कि हम एग्जाम तब तक कैंसल करवाने के लिए एकसाथ सुप्रीम कोर्ट जाएं जब तक हालात नहीं सुधरें ताकि छात्र JEE और NEET की परीक्षा में बैठ सकें।’ उन्होंने आगे कहा, ‘सितंबर में परीक्षा है। छात्रों की जिंदगी खतरे में क्यों डाली जाए? हमने प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखी लेकिन अब तक जवाब नहीं आया है।’
सोनिया ने कहा- NEP के प्रावधान चिंता के विषय
मीटिंग में सोनिया ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP, 2020) पर भी चिंता प्रकट की। उन्होंने कहा, ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति संबंधी घोषणाओं से हम सच में चिंतित होना चाहिए क्योंकि यह वाकई बड़ा झटका है। विद्यार्थियों और परीक्षाओं से संबंधित समस्याओं पर भी बहुत लापरवाही भरा रवैया सामने आ रहा है।’ उन्होंने जीएसटी कंपेनसेशन देने को लेकर केंद्र सरकार की तरफ से व्यक्त की गई असमर्थता को राज्यों के साथ विश्वासघात करार दिया। सोनिया ने कहा, ’11 अगस्त को वित्त मामलों पर संसद की स्थाई समिति की मीटिंग में वित्त सचिव ने कहा था कि केंद्र सरकार इस वर्ष 14% जीएसटी कंपेनसेशन का भुगतान करने की स्थिति में नहीं है। यह इनकार मोदी सरकार की तरफ विश्वासघात के सिवा और कुछ नहीं है।’
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने महामारी के कारण सरकार के राजस्व को हुए नुकसान पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने ममता बनर्जी के प्रस्ताव पर सहमति जताते हुए कहा कि मुख्यमंत्रियों को एकजुट होकर पीएम नरेंद्र मोदी को हकीकत से रू-ब-रू करवाना चाहिए। पंजाब सीएम ने कहा, ‘कोविड-19 की स्थिति लगातार बिगड़ रही है। हमने करीब 500 करोड़ रुपये खर्च किए। हम ऐसी परिस्थिति में फंस गए हैं जहां हमारे राज्यों की वित्तीय हालत खस्ता हो चली है। केंद्र सरकार ने जीएसटी के मुआवजे का भुगतान नहीं किया है। मैं ममता जी से सहमत हूं कि हमें एकसाथ प्रधानमंत्री से मिलना चाहिए।’ उन्होंने कहा कि यहां मौजूद सभी मुख्यमंत्रियों को मिलकर सुप्रीम कोर्ट जाना चाहिए।
GST काउंसिल की मीटिंग से पहले रचा जा रहा चक्रव्यूह
दरअसल, गुरुवार को जीएसटी काउंसिल की मीटिंग होने जा रही है, जिसमें राज्यों के मुख्यमंत्रियों की भागीदारी होगी। राज्यों के वित्त मंत्री तो जीएसटी काउंसिल के सदस्य ही हैं। सोनिया और ममता के विचार है कि विपक्षी दलों के मुख्यमंत्री काउंसिल की मीटिंग में केंद्र सरकार पर मुआवजे का दबाव बनाने की रणनीति पहले ही तय कर लें। कहा जा रहा है कि एनडीए से अलग दलों के मुख्यमंत्री केंद्र से 14 प्रतिशत जीएसटी कंपेनसेशन की मांग कर सकते हैं। विपक्ष शासित राज्यों ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया है कि वो मुआवजे पर हामी नहीं भरकर एक तरह से डिफॉल्ट कर रही है।
बहरहाल, सोनिया गांधी ने मंगलवार को ममता बनर्जी, उद्धव ठाकरे और हेमंत सोरेन को आज की वर्चुअल मीटिंग में शामिल होने का न्योता दिया था। इन मुख्यमंत्रियों के अलावा राजस्थान, छत्तीसगढ़ समेत कांग्रेस शासित चार राज्यों के मुख्यमंत्री भी मीटिंग में शामिल हैं।