जयपुर, 30 मार्च 2023

फ़िज़ा में गूंजते राजस्थानी गीत, राजस्थानी संस्कृति के विभिन्न रंगों को जाहिर करते लोक नृत्य व दर्शकों के खिलखिलाते चेहरे। कुछ ऐसा ही दृश्य दिखा 30 मार्च, गुरुवार को जवाहर कला केन्द्र के रंगायन सभागार में। मौका था राजस्थान दिवस के अवसर पर पंडित जवाहर लाल नेहरू बाल साहित्य अकादमी की ओर से आयोजित सांस्कृतिक प्रस्तुतियों का। इन मन मोहक रंगारंग प्रस्तुतियों के साथ ही तीन दिवसीय जवाहर बाल साहित्य महोत्सव का समापन हुआ। समारोह के समापन के अवसर पर दर्शकों के मन में हूक उठ रही थी। बाल कलाकारों की प्रस्तुतियों को देख कर वे दाद दे रहे थे, किलकारियां मार रहे थे वन्समोर का शोर मचा रहे थे और पूछ रहे थे ऐसे ही अगले आयोजन की तिथियां।

कार्यक्रम के आरम्भ में अकादमी सचिव राजेन्द्र मोहन शर्मा ने सभी आगन्तुकों का अभिवादन किया और बताया कि अकादमी के आमन्त्रण पर बाड़मेर से लंगा मांगणियार बाल कलाकारों का समूह जयपुर के दर्शकों के समक्ष राजस्थान दिवस पर लोक गीतों की सौगात लेकर आया है।

इस अवसर पर अकादमी अध्यक्ष इकराम राजस्थानी ने कहा कि पं. नेहरू ने जिस तरह देश में उच्च आदर्श स्थापित किए हैं उन्हें नई पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए अकादमी लगातार प्रयासरत कर रही है। इसलिए अकादमी एक ओर जहाँ बाल साहित्यकारों को सम्मानित और पुरस्कृत कर रही है बाल साहित्य की किताबें प्रकाशित कर रही है वहीं दूसरी और बाल कवियों और कलाकारों को मंच देकर उनका हौसला बढा रही है।

बाड़मेर से पहुंचे देऊ खां, लाडु खां, रईस खां, मुस्ताक खां और अशरफ खां ने मंच संभाला और मांगणियार गायन की प्रस्तुतियों से श्रोताओं का दिल जीत लिया। कम उम्र में सुरों पर उनकी पकड़ देख सभी रोमांचित हो उठे। उन्होंने ‘केसरिया बालम’, ‘पधारो म्हारे देश’, ‘निम्बूड़ा’, ‘झिरमिर बरसे मेघ’ सरीखे राजस्थानी गीत पेश किए।

मांगणियार बाल कलाकारों के पश्चात जयपुर के प्रकाश शर्मा और उनके साथियों ने घूमर, चरी एवं कालबेलिया नृत्य और धरती धोरां री पर मनमोहक फ्यूजन प्रस्तुति दी। कार्यक्रम में पंडित जवाहर लाल नेहरू बाल साहित्य अकादमी के अध्यक्ष इकराम राजस्थानी, सचिव राजेन्द्र मोहन शर्मा, कोषाध्यक्ष महेश गुप्ता, साहित्यकार प्रदीप सैनी, कहानीकार सरोज शर्मा, निशांत भारद्वाज, लेखिका शीलवन्त कौर सहित बड़ी संख्या में साहित्य और कला प्रेमी मौजूद रहे।

गौरतलब है कि कलात्मक व साहित्यिक गतिविधियों के प्रति बच्चों का रुझान बढ़ाने के लिए अकादमी की ओर से तीन दिवसीय जवाहर बाल साहित्य महोत्सव का आयोजन किया गया। पहले दिन जहां नाटक ‘अकबर-बीरबल की किस्से’ का मंचन किया गया वहीं दूसरे दिन बाल मनीषी पुरस्कार समेत 12 पुरस्कार वितरित किए गए। बाल साहित्य से जुड़ी 60 किताबों का लोकार्पण भी किया गया।

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