रायपुर, 3 जनवरी 2022 इंद्राणी, उर्मिला, सुनीता और सातोबाई की जिंदगी अब बदल चुकी है। मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) और ‘बिहान’ (छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन) ने उनका जीवन बदलने में बड़ी भूमिका निभाई है। मनरेगा और 14वें वित्त आयोग के अभिसरण से निर्मित वर्क-शेड में स्वसहायता समूह की ये महिलाएं … Continue reading छत्तीसगढ़ में “मनरेगा” और ‘बिहान’ बना महिलाओं के लिए कमाई का जरिया, कैंटीन से रोज हो रही 1200 रुपये की आमदनी।
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