रायपुर
छत्तीसगढ़ विधानसभा सत्र की कार्यवाही के तीसरे दिन सत्ता पक्ष का सवाल जल जीवन मिशन में देरी को लेकर है। सत्ता पक्ष के विधायकों ने विभागीय मंत्री और डिप्टी सीएम अरुण साव को घेरा गया। सत्ता पक्ष के विधायकों ने अपने ही मंत्री पर सवालो की झड़ी लगा दी। भाजपा विधायकों ने कहा कि इस महत्वाकांक्षी योजना में जमकर अनियमितता हुई है। दोषी अफसरों और ठेकेदारों पर कार्रवाई की मांग इन विधायकों ने की।
विभागीय मंत्री ने इसका सर्वे कराकर दोषी ठेकेदार का भुगतान रोकने और दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई करने की घोषणा सदन में की। इस दौरान अरुण साव के जवाब से असंतुष्ट होकर विपक्ष ने वॉकआउट किया है। चर्चा के दौरान स्पीकर ने उचित समय में जानकारी भेजने पर मंत्रियों को नसीहत दी।
नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि जल जीवन मिशन के लिये केंद्र से जैसे ही पैसा आया, उसकी बंदरबाँट शुरू हो गई। मुख्यमंत्री को हस्तक्षेप करना पड़ा। टेंडर रद्द किया गया। ये महत्वपूर्ण योजना है। गरीबों के घरों तक नल कनेक्शन पहुंचाना है। लेकिन ग़रीबों के घरों तक नल नहीं पहुंचा। 38 लाख 74 हजार कनेक्शन देना है लेकिन क़रीब छह लाख कनेक्शन तीन सालों में दिया गया है। पूरे देश में छत्तीसगढ़ तीसवें नम्बर पर है। मंथर गति से काम चल रहा है। केंद्रीय योजना के तहत आने वाली राशि का लाभ राज्य की जनता को नहीं मिल रहा। इस योजना में भ्रष्टाचार की पराकाष्टा है।