रायपुर, 17 जनवरी 2022
बोर्ड में राम पटेल सहित चार सदस्यों की नियुक्ति की गई है। उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य राज्य में साग-सब्जी, फल-फूल और मसाले की खेती को बढ़ावा देना तथा किसानों की माली हालत को बेहतर बनाना है। उन्होंने कहा कि सब्जी और फल का उत्पादन बढ़ने से सुपोषण बढ़ावा मिलेगा।
मंत्री चौबे ने कहा कि छेरछेरा पर्व और शाकम्भरी जयंती का छत्तीसगढ़ के जन -जीवन में विशेष महत्व है। यह समृद्ध दानशीलता और सामाजिक समरसता का पर्व है। दान देने और ग्रहण करने का यह पर्व छोटे-बड़े के भेदभाव और अहंकार की भावना को समाप्त करता है। उन्होंने कहा कि मां शाकम्भरी का श्रृगांर सब्जी-भाजी से करके पूजा-अर्चना की जाती है।
मंत्री चौबे ने कहा कि मुख्यमंत्री की मंशा राज्य में उद्यानिकी फसलों की खेती को बढ़ावा देना है। उन्होंने शाकम्भरी बोर्ड के पदाधिकारियों से अपील की कि वह मुख्यमंत्री की मंशा को पूरा करने के लिए पूरे मनोयोग से जुट जाए। किसानों को उद्यानिकी खेती के लिए प्रेरित और प्रोत्साहित करें और उन्हें विभागीय योजनाओं से लाभान्वित करें। चौबे ने उद्यानिकी विभाग की ओऱ से संचालित नदी-कछार योजना के माध्यम से किसानों को साग-सब्जी की खेती से जोड़ने की अपील की। उन्होंने कहा कि क्लस्टर में उद्यानिकी फसलों की खेती को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। राज्य के अलग-अलग क्षत्रों में वहां के मौसम, जलवायु एवं मिट्टी के आधार पर उद्यानिकी की फसलों की खेती करना ज्यादा लाभप्रद होगा। मंत्री चौबे ने कहा कि बीते तीन सालों में राज्य सरकार के प्रयासों से उद्यानिकी फसलों रकबा और उत्पादन बढ़ा है। सुराजी गांव योजना से बाड़ी कार्यक्रम के तहत राज्य में लगभग 2 लाख बाड़ियां विकसित हुई हैं।
शाकम्भरी बोर्ड के अध्यक्ष रामकुमार पटेल ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की किसान हितैषी नीतियों के चलते राज्य में अनाज की खेती के साथ-साथ उद्यानिकी की खेती को प्रोत्साहन मिला है। राजीव गांधी किसान न्याय योजना में उद्यानिकी फसलों को शामिल करने तथा फल, फूल, सब्जी और मसाले की खेती करने वाले किसानों को प्रति एकड़ 9 हजार रूपए की इनपुट सब्सिडी दिए जाने के निर्णय के लिए उन्होंने मुख्यमंत्री का आभार जताया।
पटेल ने कहा कि शाकम्भरी बोर्ड का गठन और मां शाकम्भरी जयंती के लिए अवकाश घोषित कर मुख्यमंत्री ने मरार-पटेल समाज का मान बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि इनपुट सब्सिडी दिए जाने के राज्य सरकार के फैसले से उद्यानिकी फसलों को बढ़ावा मिल रहा है। उन्होंने कहा कि सुराजी गांव योजना से बाड़ी विकास कार्यक्रम के अंतर्गत राज्य के सभी विकासखण्डों में ग्रामीणों एवं किसानों के यहां कुल 2,00,013 बाड़ियां विकसित की गई है और ग्रामीण किसान यहां सब्जी-भाजी और फल-फूल उपजा रहे हैं।
राज्य के गौठानों में भी सब्जी एवं फल के उत्पादन के लिए 990 सामुदायिक बाड़ियां स्थापित की गई है। राज्य में उद्यानिकी फसलों तथा फल, सब्जी, मसाला, पुष्प, औषधि एवं सुगंधित का कुल रकबा अब बढ़कर 8,61,603 हेक्टेयर एवं उत्पादन 1,04,28,053 मीटरिक टन हो गया है। उद्यानिकी के रकबे में 327 प्रतिशत एवं उत्पादन में 494 प्रतिशत वृद्धि हुई है। राष्ट्रीय स्तर पर छत्तीसगढ़ राज्य उद्यानिकी फसलों के उत्पादन में 12वें स्थान पर है।