जयपुर

राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने रविवार को छत्रपति संभाजी नगर में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया। उन्होंने इस दौरान भारत की महान विरासत की चर्चा करते हुए कहा कि भारत ने जब जीरो का ज्ञान दिया तब दुनिया को गिनती आई। उन्होंने नालन्दा विश्वविधालय में बख्तियार खिलजी द्वारा भारतीय ज्ञान से जुड़ी पुस्तकें जलाने का जिक्र करते हुए कहा कि चिकित्सा के महान ग्रन्थ इसलिए आग के हवाले कर दिए गए कि भारत रोग निदान में उस समय भी अग्रणी था।

राज्यपाल ने प्राचीन भारतीय स्वास्थ्य एवं चिकित्सा से जुड़े ज्ञान के आलोक में भारत को अग्रणी बनाने का आह्वान किया। उन्होंने तक्षशिला विश्वविद्यालय में अध्ययन करने वाले महान चिकित्सक जीवक और चरक, सुश्रुत जैसे विद्वानों की चर्चा करते हुए कहा कि प्राचीन ज्ञान को सहेजते हुए चिकित्सा सेवाओं को समृद्ध और संपन्न किया जाए। उन्होंने चिकित्सा क्षेत्र में नवाचार, स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार, और चिकित्सकों को सेवा भाव रखते हुए सस्ती, सुलभ और प्रभावी चिकित्सा को केंद्र में रखकर कार्य करने का आह्वान किया। उन्होंने आईएमए संगठन के अंतर्गत स्वास्थ्य सेवाओं को सशक्त बनाने और जन-जागरूकता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वालों को सम्मानित भी किया।

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