अंबिकापुर। खाद्य नागरिक आपूर्ति व संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत के निर्देशानुसार उनके प्रतिनिधिमंडल ने इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय, अमरकंटक के वाइस चांसलर प्रकाशमणि त्रिपाठी ने सौजन्य मुलाकात की। आदित्य भगत के नेतृत्व में हुई इस मुलाकात में प्रतिनिधिमंडल ने विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर सहित कमेटी सदस्यों से इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय, अमरकंटक के अंतर्गत सरगुजा में अध्ययन व शोध केंद्र की स्थापना के संबंध में चर्चा की।
प्रस्ताव के मुताबिक इस अध्ययन एवं शोध केंद्र के निर्माण के लिये 220 एकड़ भूमि की आवश्यकता थी, जिसके चिह्नांकन की प्रक्रिया पूरी हो गयी है। चिह्नांकन के अनुसार उपरोक्त अध्ययन व शोध केंद्र की स्थापना मैनपाट के पास परपटिया में किया जाना प्रस्तावित है। उक्त भूमि के संबंध में कमेटी के सदस्यों को बताया गया कि इसकी 85.43 हेक्टेयर भूमि में से 20 हेक्टेयर समतल एवं 65.43 हेक्टेयर भूमि छोटे-बड़े झाड़ व जंगलों से आच्छादित है। जिसे चिह्नांकित कर केंद्र की स्थापना प्रस्तावित की गई है।
प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे आदित्य भगत ने प्रस्तावित निर्माण स्थल व मैनपाट वहाँ की सांस्कृतिक विरासत, आवागमन की सुविधा और भविष्य में जो विकास किये जाने हैं, उसके बारे में पूरी जानकारी दी गई। सांस्कृतिक धरोहर के बारे में बताने पर प्रतिनिधिमंडल ने काफी गौरवान्वित महसूस किया। उन्होंने कहा कि ऐसे में उक्त केंद्र की स्थापना मैनपाट में किया जाना ही उचित होगा। समिति ने उपरोक्त स्थल के भ्रमण के लिये दीपावली के बाद जाने का समय निश्चित किया। साथ ही उक्त केंद्र की स्थापना के लिये विस्तृत प्रोजेक्ट रिपोर्ट इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय (इगन्टू), अमरकंटक के सलाहकार के माध्यम से तैयार करके प्रस्तुत किया जाएगा। यह बात कुलपति प्रकाशमणि त्रिपाठी ने बताया, साथ ही उन्होंने भूमि आबंटन की प्रक्रिया के लिये छत्तीसगढ़ शासन व इगन्टू के मध्य द्विपक्षीय अनुबंध पारित किये जाने के बारे में बताया।
बैठक में बताया गया कि इगन्टू के अंतर्गत सरगुजा में अध्ययन व शोध केंद्र की स्थापना की पहल कैबिनेट मंत्री अमरजीत भगत द्वारा की गई थी। वाइस चांसलर ने कैबिनेट मंत्री अमरजीत भगत की तारीफ करते हुए कहा कि वे छत्तीसगढ़ के पहले ऐसे मंत्री है जिन्होंने सक्रियता के साथ अध्ययन व शोध केंद्र आरंभ करने की पहल की। इस हेतु भूमि उपलब्ध करवाया गया। वाइस चांसलर प्रकाशमणि त्रिपाठी ने दूरभाष पर मंत्री अमरजीत भगत से चर्चा की और इस दौरान दोनों सहमति जताई कि इस शोध केंद्र को शीघ्र से शीघ्र आरंभ करने के लिये जो भी आवश्यकता होगी उसे आपसी सहमति से पूर्ण किया जाएगा। उक्त शोध केंद्र की स्थापना के लिये राज्य व केंद्र सरकार के मदों में उपलब्ध राशि का प्रयोग किया जाएगा। अन्य आवश्यक अधोसंरचना व सेवाओं के विकास के लिये सीएसआर मद से सहायता प्राप्त की जा सकती है।
उक्त मुलाकात के दौरान विश्वविद्यालय के ओएसडी श्री त्रिपाठी, प्रोफेसर ए के शुक्ला समिति के चेयरमैन, प्रो. आलोक सरोठिया, प्रो. राकेश सिंह, परियोजना समन्वयक मानस उज्जैनी, मंत्री अमरजीत भगत के निज डॉ. विपिन जंघेल सहायक मौजूद थे।

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By Admin

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