नई दिल्ली, 8 जुलाई 2021
इसको बनाने के पीछे मकसद यह है कि विज्ञापन में प्रोडक्ट बेचने के लिए किसी के लिप्स बड़े दिखा दिए जाते हैं. किसी के मसल काफी अधिक दिखा दिए जाते हैं. अगर विज्ञापन में वह ऐसा करते हैं तो नए कानून के अनुसार उन्हें यह सार्वजनिक करना होगा. यही नहीं सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का लोगों की मानसिक सेहत पर भी असर पड़ता है. 2017 में यूके रॉयल सोसाइटी फॉर पब्लिक हेल्थ की रिपोर्ट के अनुसार सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का युवाओं की मानसिक सेहत पर भी बुरा असर पड़ता है. नए कानून के अनुसार जुर्माने के साथ कैद भी हो सकती है.
इंस्टाग्राम में अगर कोई रियलिटी फिल्टर का इस्तेमाल करता है तो यह ऐप स्क्रीन पर इस लेबल को डिस्प्ले कर देगा. यही नहीं Instagram ने कॉस्मेटिक प्रोसीजर को प्रमोट करने वाले इफेक्ट को भी प्रतिबंधित कर दिया है. इससे पहले एडवरटाइजिंग स्टैंडर्ड अथॉरिटी ने यूके में इंफ्यूलेंशर को कहा था कि मिसलीडिंग फिल्टर का इस्तेमाल न करें. साथ ही ऐसे फिल्टर्स का प्रयोग न करें जिनसे विज्ञापन के असर को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जाता हो.