रायपुर, 8 मई 2023

छत्तीसगढ़ में ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) की कार्रवाई के बाद शराब पर सियासत गरमाई हुई है। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष अरुण साव ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि छत्तीसगढ़ का शराब घोटाला देश भर में इस तरह का सबसे बड़ा घोटाला है। यह केजरीवाल के दिल्ली शराब घोटाले से भी बड़ा और उससे भी अधिक संगीन है। अरुण साव ने  शराब घोटाले के अलावा, कोयला घोटाला, चावल घोटाला, सीमेंट घोटाला, रेत घोटाला, तबादला घोटाला समेत प्रदेश में हुए हर तरह के घोटालों की त्वरित सुनवाई की मांग की है। 

भाजपा प्रदेशाध्यक्ष अरुण साव ने आरोप लगाया कि प्रदेश के हर तरह के संसाधनों की लूट मचा कर  राज्य सरकार ने फिरंगियों और मुगलों को भी लूट में पीछे छोड़ दिया है। अरुण साव ने आरोप लगाया कि शराब घोटाला ईडी की गिरफ्त में आए अनवर ढेबर द्वारा एक संगठित आपराधिक सिंडिकेट का घोटाला है। जिसके अंतर्गत भ्रष्टाचार का पैसा पार्ट A, पार्ट B एवं पार्ट C के अंतर्गत किया। ईडी के रिलीज में साफ कहा गया है कि ये लोग घोटाले की रकम के अंतिम लाभार्थी नहीं है। अपना कमीशन काट कर ये लोग शेष रकम को ‘पॉलिटिकल मास्टर’ को भेज देते थे। क्या यह बताने की जरूरत है कि ये ‘पॉलिटिकल मास्टर’ कौन है? सीधी सी बात है कि छत्तीसगढ़ में ‘पॉलिटिकल मास्टर’ ही इस सिंडीकेट का सरगना है।

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अरुण साव ने कहा कि बड़ी संख्या में ऐसी कच्ची और देसी शराब प्रदेश भर के 800 दुकानों में खपाये गये हैं, जिसे वैध तरीक़े से भी बेचा नहीं जा सकता है। इस शराब से शासकीय खजाने को तो अरबों का चूना लगा ही, प्रदेशवासियों की जान का भी सौदा किया गया। भाजपा नेता ने शराब की कीमत 50 से 80% बढ़ाने, बड़ी संख्या में कच्ची और अन्य अवैध शराब से मौत होने के बावजूद शासन शराब राजस्व में कमी दिखाता रहा और अपनी पीठ भी थपथपाता रहा था। जबकि सच्चाई यह थी कि शराब का अधिकांश पैसा सीधे पॉलिटिकल सरगना हड़प जाता था। यही कारण है कि ईडी की कारवाई होते ही अचानक शराब राजस्व में 22 प्रतिशत की वृद्धि हो गई।

इस मामले में सबसे दुखद पक्ष है एक सहज और भोले आदिवासी मंत्री को इस्तेमाल किया जाना। कवासी लखमा इस विभाग के मंत्री इसीलिए बनाए गए ताकि वे भूपेश बघेल और ऐजाज के इस सिंडीकेट में कोई हस्तक्षेप नहीं कर सकें। इसी तरह ब्रेवरेज कॉर्पोरेशन में भी अध्यक्ष का पद इसलिए ही खाली रखा गया ताकि लूट की रकम का शेयर और किसी को नहीं देना पड़े। छत्तीसगढ़ बदलने के नारे के साथ आयी इस सरकार ने पूरी सरकार को ‘अंडरवर्ल्ड’ के रूप में बदल दिया था। और इस तमाम घोटाले का असली लाभार्थी, असली मास्टरमाइंड और ‘पॉलीटिकल मास्टर’ कौन था, इसके बारे में अब कोई भी संदेह नहीं रह गया है।

भाजपा नेता ने कहा कि ईडी की जांच में ये साफ हुआ है कि नकली होलोग्राम लगाकर घटिया शराब अधिक दाम में बेची गई, इससे 1200 करोड़ रूपए की अवैध कमाई की गई। यह बात भ्रष्टाचार से ज्यादा गंभीर है, जो सरकार जनता की जान की रक्षा करने के बजाय घटिया शराब पिलाकर उसकी जान जोखिम में डाले, ऐसी सरकार को एक पल भी सत्ता में रहने का अधिकार नहीं होना चाहिए। अरुण साव ने सभी घोटालों की फ़ास्ट ट्रैक में सुनवाई की मांग की है।

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