रायपुर, 12 मई 2021
फ्लोरेंस नाइटिंगेल को किया याद
दुनिया की पहली नर्स फ्लोरेंस नाइटेंगिल को लेडी विद द लैंप कहा जाता है। फ्लोरेंस नाइटेंगिल के योगदान को याद करते हुए विकास उपाध्याय ने कहा कि नर्सें आज भगवान का दूसरा रूप हैं। नोबल नर्सिंग सेवा की शुरुआत करने वाली फ्लोरेंस नाइटिंगेल के जन्म दिवस पर हर साल दुनिया भर में 12 मई अंतरराष्ट्रीय नर्सिंग दिवस के रूप में मनाया जाता है।फ्लोरेंस का मक़सद ज़्यादा से ज़्यादा लोगों की जान बचाना और उन्हें साफ़-सुथरा माहौल देना था। जिसे वर्तमान समय में लोगों का दिन रात सेवा कर अपना खुद का जान जोखिम की परवाह किये बगैर सभी नर्सें समाज में प्रासंगिक कर रही हैं। विकास उपाध्याय ने बताया।तमाम डॉक्टरों की तरह फ्लोरेंस कीटाणुओं से बीमारी फैलने की बात पर यक़ीन करती थीं।
फ्लोरेंस का ज़ोर भारत में साफ़ पानी की सप्लाई बढ़ाने पर किया गया योगदान को हमेशा याद किया जाएगा। उन्होंने अपना पूरा जीवन गरीबों, बीमारों और दुखियों की सेवा में समर्पित किया। इसके साथ ही उन्होंने नर्सिंग के काम को समाज में सम्मानजनक स्थान दिलवाया।
विकास उपाध्याय ने कहा,आज कोरोना महामारी के समय में नर्स अपनी भूमिका को तत्परता से निभा रही हैं और रोगियों की अच्छी तरह देखभाल करके दुनिया में एक मुकाम हासिल कर रही हैं। आज इस कोविड महामारी के समय में डॉक्टरों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर अपनी सेवाएं दे रही है। विकास उपाध्याय ने कहा, रायपुर में आज कोरोना संक्रमण की रफ्तार जो कम हुई है, उसमें बहुत बड़ा योगदान यहाँ के तमाम नर्स की है, जो दिन रात लगी हुई हैं और वे आज इनको सम्मानित कर गर्व महसूस कर रहे हैं। विकास उपाध्याय आज रायपुर के 300 से भी ज्यादा नर्सों को छाता भेंट कर उन्हें सम्मानित कि