रायपुर, 26 मई 2020
झीरम नक्सल हमले को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह और भाजपा नेताओं द्वारा झीरम नरसंहार पर दिये बयानों के बाद राजनीति गरमा गई है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के सदस्य और वरिष्ठ प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि अगर रमन सिंह के दिल में काला नही है और नीयत में खोट नहीं है तो वे मोदी सरकार से कहें कि झीरम की फाइल एनआईएस से राज्य सरकार को वापस करवाएं।
सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि रमन सिंह के मुख्यमंत्री रहते तत्तकालीन भाजपा सरकार के माथे पर बेगुनाहों के खून का दाग लगा हुआ है और ये कोरी बयानबाजी से मिटने वाला नहीं है। कांग्रेस प्रवक्ता ने सवाल किया कि क्या कारण है झीरम की जांच नही होने दी जा रही है? बिना किसी निष्कर्ष पर पहुंचे बिना एनआईए ने झीरम की जांच बंद कर दी है तो मोदी सरकार एसआईटी को जांच के लिए फाइल क्यों नहीं सौंप रही है ? आखिर किसको बचाने या कौन सा तथ्य छुपाने के लिए झीरम की जांच फिर से शुरू करने में भाजपा की केंद्र सरकार अड़ंगेबाजी लगा रही है ?
प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि झीरम हत्याकांड देश का सबसे क्रूर राजनैतिक हत्याकांड था इसमे कांग्रेस के नेताओ की पूरी पीढ़ी को मार दिया गया था ।कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा की सुरक्षा किसके आदेश पर हटाई गई थी? हत्यारों ने शहीद नन्द कुमार पटेल ,शहीद दिनेश पटेल की शिनाख्त करके हत्या क्यों की। ऐसे अनगिनत सवाल है जिनका जबाब प्रदेश की जनता जनना चाहती है ।इन सवालों के जबाब निष्पक्ष जांच से ही सामने आएंगे ।
प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि क्या कारण है जो भाजपा नहीं चाहती कि झीरम का सच सामने आए ? जब राज्य में भाजपा की सरकार थी तब विधान सभा मे घोषणा के बाद सीबीआई जांच की अनुशंसा रमन सरकार ने क्यों नहीं की। न्यायिक जांच आयोग और एनआईए की जांच के दायरे में षड्यंत्र को जांच का बिंदु क्यों नही बनाया गया ? जैसे ही केंद्र में यूपीए सरकार की जगह भाजपा की मोदी सरकार बनी एनआईए ने मामले की जांच की खानापूर्ति कर बंद क्यो कर दिया ? भाजपा और रमन सिंह झीरम की जांच के नाम पर बौखला क्यो जाते हैं ? भाजपा सरकार के कार्यकाल में हुए इस दुर्दान्त नर संहार की जांच भाजपा क्यो नही होने देना चाह रही ?