रायपुर, 11 मई,2021
40 लाख मीट्रिक टन धान बारिश में खुले आसमान के नीचे
बृृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि कटमनी नहीं मिलने के कारण 17 लाख मीट्रिक टन धान सोसायटियों व उपार्जन केंद्रों मे पड़ा हुआ है। 20 लाख मीट्रिक टन धान संग्रहण केन्द्रो में पड़ा हुआ है। पिछले साल का भी लगभग 2.5 लाख मीट्रिक टन धान खराब होकर पड़ा हुआ है। इस प्रकार पूरे प्रदेश में लगभग 40 लाख मीट्रिक टन धान बारिश में खुले आसमान के नीचे पड़ा हुआ है। इस धान का उठाव नहीं हो रहा है। न ही मीलिंग हो रही है। गांव-गांव से सोसायटी के पदाधिकारियों व प्रबंधकों ने धान के उठाव के लिए पत्राचार किया लेकिन शासन ने उठाव नहीं किया।
सरकार की मंशा शक के घेरे में
बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि इस सरकार की मंशा ही धान को भिगाकर बारिश की आड़ में धान खरीदी, उठाव, मीलिंग व धान की बर्बादी के अपने काले पीले रिकार्ड को ढकने का रहा है। इन्हें प्रदेश को हो रहे 1000 करोड़ से अधिक के नुकसान से कोई लेना देना नहीं।
अग्रवाल ने कहा कि अधिक कटमनी के चक्कर में सोसायटियों से व संग्रहण केन्द्रों से धान का उठाव नहीं कराया गया। पिछले 3-4 दिनों से लगातार हो रही बारिश से एक ओर जहां 1000 करोड़ से अधिक का धान सड़कर बर्बाद हो गया। यह सीधे-सीधे अन्न की बर्बादी है। जिन लोगों ने धान का समयबद्ध उठाव नहीं करवाया ऐसे अधिकारियों एवं जिम्मेदार लोगों पर अपराधिक प्रकरण दर्ज कर उनसे इन राशियों की वसूली की जानी चाहिए।