रायपुर, 11 मई,2021

छत्तीसगढ़ में कोरोना महामारी को लेकर सरकार और विपक्ष के बीच चल रही जुबानी जंग अब बेमौसम बारिश की नूराकुश्ती पर उतर आई है। बीते कुछ दिनों से प्रदेश में बेमौसम बारिश हो रही है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बारिश से हुए नुकसान का आंकलन कर पीड़ितों को तत्काल मदद मुहैया कराने के निर्देश कलेक्टरों को दिये हैं। वहीं भाजपा विधायक और पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने बेमौरम बारिश में धान के खराब हो जाने को लेकर सरकार पर निशाना साधा है। बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि सरकार की लापरवाही और लचर व्यवस्था की वजह से उपार्जन केन्द्र और सोसायटियों में पड़ा 1000 करोड़ से अधिक का धान बेमौसम बारिश की भेंट चढ़ गया है।

40 लाख मीट्रिक टन धान बारिश में खुले आसमान के नीचे
बृृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि कटमनी नहीं मिलने के कारण 17 लाख मीट्रिक टन धान सोसायटियों व उपार्जन केंद्रों मे पड़ा हुआ है। 20 लाख मीट्रिक टन धान संग्रहण केन्द्रो में पड़ा हुआ है। पिछले साल का भी लगभग 2.5 लाख मीट्रिक टन धान खराब होकर पड़ा हुआ है। इस प्रकार पूरे प्रदेश में लगभग 40 लाख मीट्रिक टन धान बारिश में खुले आसमान के नीचे पड़ा हुआ है। इस धान का उठाव नहीं हो रहा है।  न ही मीलिंग हो रही है। गांव-गांव से सोसायटी के पदाधिकारियों व प्रबंधकों ने धान के उठाव के लिए पत्राचार किया लेकिन शासन ने उठाव नहीं किया।

सरकार की मंशा शक के घेरे में
बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि इस सरकार की मंशा ही धान को भिगाकर बारिश की आड़ में धान खरीदी, उठाव, मीलिंग व धान की बर्बादी के अपने काले पीले रिकार्ड को ढकने का रहा है। इन्हें प्रदेश को हो रहे 1000 करोड़ से अधिक के नुकसान से कोई लेना देना नहीं।

अग्रवाल ने कहा कि अधिक कटमनी के चक्कर में सोसायटियों से व संग्रहण केन्द्रों से धान का उठाव नहीं कराया गया। पिछले 3-4 दिनों से लगातार हो रही बारिश से एक ओर जहां 1000 करोड़ से अधिक का धान सड़कर बर्बाद हो गया। यह सीधे-सीधे अन्न की बर्बादी है। जिन लोगों ने धान का समयबद्ध उठाव नहीं करवाया ऐसे अधिकारियों एवं जिम्मेदार लोगों पर अपराधिक प्रकरण दर्ज कर उनसे इन राशियों की वसूली की जानी चाहिए।

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