मुंगेली/लोरमी।जिले के लोरमी नगर में इन दिनों जुआं का कारोबार बेखौफ चल रहा है। लोरमी नगर में वर्तमान समय पर जुएं का कारोबार खूब फल फूल रहा बताया जाता कि पुलिस की मिलीभगत से जुंआ संचालक जगह बदल-बदल कर जुआं के फड़ का आयोजन कर रहे हैं। लोरमी में कांग्रेस शासन के रूआब से अपने को बड़ा नेता बताकर कुछ लोगो के द्वारा बड़े पैमाने पर दिन रात जुआं का कारोबार कराया जा रहा है पहले जहां चोरी छिपे इस कारोबार किया जाता था मगर कांग्रेस शासन के बाद सत्ता के दम्भ में कुछ लोग स्कूलों में जुआं खेला रहे है।जिसकी चर्चा हर गली चैराहा चाय दुकान से पान दुकान तक यह कारोबार खुलेआम हो रहा है। इस कारोबार में सबसे ज्यादा युवा झांसे में आकर बर्बाद हो रहे हैं।इस पूरे अवैध कारोबार के खेल में लोरमी पुलिस की मिलीभगत को इंकार नहीं किया जा सकता।लोरमी में जूएं का कारोबार का संचालन स्थानीय नेता एवं स्थानीय लोगों की मदद से जुएं एवं सट्टे का कारोबार चल रहा है।
युवाओं पर असर
जुआं जैसे संगीन अपराध को स्थानीय लोगों द्वारा भरे समाज में खिलवाया जा रहे है। इससे युवा वर्ग के लोगों पर ज्यादा असर दिखाई पड़ रहा है। जहां युवा वर्ग के लोग जुआं जैसे संगीन अपराध में संलिप्त हो रहे हैं, लेकिन इस अपराध को रोकने की बजाय लोरमी पुलिस खुद मिलीजुली है।
नगर के हर गली मोहल्ले और बाजार में खुलेआम जूएं का कारोबार चल निकला है। पुलिस को जब जूएं के लिए खानापूर्ति करनी होती है तो इन माफियाओं को ही कह नाममात्र की जप्ती कराकर कार्यवाही करना दिखा दिया जाता हैं जबकि हकीकत यह है कि जुआंरियों के कारनामों को जानने के बाद भी पुलिस के आला अधिकारी चुप्पी साधे बैठे हैं, यही वजह है कि लोरमी में बेखौफ जुआं फल फूल रहा है।
भूपेश सरकार के आने के बाद से ही पूरे नगर को जूएं के काले कारोबार ने अपनी चपेट में ले लिया है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि लोग अब खुलेआम जुआं खेल रहे हैं और पुलिस की मिलीभगत होने के कारण उनका कोई डर नहीं नजर आता। वहीं पुलिस भी इस पूरे मामले पर अपनी आंखें मूंदे हुए हैं। नगर की स्कूल बिल्डिंगों में काफी लोग जूएं के धंधे में लगे हुए हैं। वहीं हालात देखकर लगता है कि इस पूरे मामले में कहीं ना कहीं पुलिस की भी मिलीभगत है। क्योंकि जिस तरह लोग खुलेआम जुआं खेल रहे हैं उसमें भय नाम की कोई चीज नही दिख रही है।
माना जा रहा है कि नगर में रोजना लाखों रुपए का जुआं खेला जा रहा है। नालदार अपने नाल से ही लाल हो रहे है। धड़ल्ले से चल रहे इस कारोबार को इलाके के सफेद पोश नेताओं और थाने का खुला संरक्षण प्राप्त है।
गिरोह के हौसले बुलंद
जानकारों की मानें तो जुआं के लालच में फंसकर कई लोग अपनी किस्मत आजमाते है। बाद में इसमें फंसकर अपना सबकुछ भी गवां बैठते है। पुलिस इस अवैध कारोबार में लिप्त लोगों पर कोई कार्रवाई नहीं करती है, कार्यवाही न होने की वजह से इस गोरखधंधे पर पूरी तरह अंकुश नही लग पा रहा है और अवैध कारोबार में लिप्त गिरोह के लोगो के हौंसले बुलंद हैं। शहर में यह कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है।
जुआं माफिया हो रहे मालामाल
लोरमी के कभी स्कूलों में तो कभी सुनसान घर और कभी खुले जगहों पर हो रहे जूएं के काले कारोबार में खिलाड़ी लाखों रुपए हार या जीत रहे हैं मगर नालदार की रोज चांदी है प्रतिदिन खिलाड़ियों से बैठकी(प्रवेश शुल्क) पांच सौ रुपये प्रति खिलाड़ियों से वसूल किया जाता है फिर नालदार नाल में लंबे नाल के रूप में मोटी रकम वसूल रहा है। नालदार द्वारा वसूल किया जाने वाला पैसा सप्ताहांत में फिर लोरमी के कुछ सत्ताधारी नेता,माफियाओं व पुलिस की जेब में भी पहुंचता है। अब इस कारोबार का जाल पूरे लोरमी क्षेत्र में भारतपुर, परसवाड़ा, ढोलगी,कंचनपुर, के जंगलों में खुलेआम फैल चुका है। ऐसा नहीं है कि पुलिस जुएं के इस अवैध कारोबार पर अंकुश नहीं लगा सकती। मगर अपने पैर में खुद कुल्हाड़ी कौन मारना चाहेगा। पूरा जूएं का कारोबार पुलिस अधिकारियों की शह और नेताओं की सहमति से शहर में यह कारोबार हो रहा है। जब कभी पुलिस प्रशासन से जुआं के कारोबार की जानकारी लेने पर पुलिस के अधिकारी कुछ भी बोलने से बचते आ रहे है।
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