नई दिल्ली, 24 अगस्त 2021

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने नई दिल्ली में नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन यानी एनएमपी (National Monetisation Pipeline) प्रोग्राम की शुरुआत की. इस मौके पर वित्त मंत्री ने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि भारत यह समझे कि हमारी संपत्ति का अधिकतम लाभ उठाने का समय आ गया है.

वित्त मंत्रालय के मुताबिक, नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन ने वित्त वर्ष 2022 से वित्त वर्ष 2025 तक 4 साल की अवधि में केंद्र सरकार की कोर एसेट के माध्यम से 6 लाख करोड़ रुपये की कुल मुद्रीकरण क्षमता का अनुमान लगाया है. वित्त मंत्रालय ने कहा कि सड़क, परिवहन और राजमार्ग, रेलवे, बिजली, पाइपलाइन और प्राकृतिक गैस, नागरिक उड्डयन, शिपिंग बंदरगाह और जलमार्ग, दूरसंचार, खाद्य और सार्वजनिक वितरण, खनन, कोयला और आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन में शामिल हैं.

क्या है एनएमपी प्रोग्राम
नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन में केंद्र सरकार अपनी ब्राउनफील्ड इंफ्रास्ट्रक्चर संपत्तियों (Brownfield Infrastructure Assets) से पैसे जुटाने की योजना बना रही है. एनएमपी केंद्र सरकार के 4 साल की योजनाओं के हिसाब से बनी एक योजना है. एनएमपी प्रोग्राम सरकार के एसेट मोनेटाइजेशन इनीशिएटिव के हिसाब से मध्यम अवधि का एक रोड मैप कहा जा सकता है.

डिपार्टमेंट ऑफ इन्वेस्टमेंट एंड पब्लिक एसेट मैनेजमेंट यानी दीपम (DIPAM) के सचिव तुहिन कांत पांडेय ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि सरकार राष्ट्रीय राजमार्गों और पावर ग्रिड पाइपलाइनों सहित छह लाख करोड़ रुपये की बुनियादी ढांचा संपत्तियों को अंतिम रूप दे रही है, जिनका मौद्रिकरण किया जाएगा. उन्होंने कहा था, ”लगभग 6,000 करोड़ रुपये की एक राष्ट्रीय मौद्रिकरण योजना पर काम चल रहा है, जिसमें पाइपलाइन से लेकर पावर ग्रिड पाइपलाइन और राष्ट्रीय राजमार्ग से लेकर टीओटी (टोल-ऑपरेट-ट्रांसफर) और इसी तरह की कई संपत्तियां होंगी.”

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