रायपुर, 3 जुलाई 2021
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता घनश्याम राजू तिवारी ने कहा कि, छत्तीसगढ़ में ढाई वर्षो की भूपेश सरकार ने नक्सलवाद की समाप्ति को लेकर आदिवासियों और उनके अधिकारों को लेकर मजबूत निर्णय लिए हैं। आदिवासियों को मूल धारा से जोड़ने उन्हें सक्षम बनाने तथा उनकी मेहनत परिश्रम के दाम देने 52 वनोपजों को समर्थन मूल्य देकर आर्थिक रूप से मजबूत करने का कार्य किया है। तेंदूपत्ता प्रति बोरा मानक दर 25 सौ रुपए से बढ़ाकर 04 हजार रुपए किया गया है। बस्तर को कुपोषण मुक्त करने एक अभियान की तरह संवेदनशीलता से कार्य किया गया है, जिसके परिणाम सुखद हैं। राज्य सरकार बेरोजगारी दूर कर नक्सलवाद समाप्ति को लेकर बेहतर कार्य कर रही है। स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ रणनीतिक रूप से कार्य कर रही है जिसका ही परिणाम है कि, पिछले ढाई वर्षो में नक्सलवाद की कोई बड़ी घटनाएं नहीं घटी है, अपितु अनेक नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है।
घनश्याम राजू तिवारी तिवारी ने कहा कि, नक्सल समस्या राज्य की नहीं, राष्ट्रीय समस्या है ,मगर भाजपा मोदी सरकार ने पिछले 07 सालों में कोई प्रयास नहीं किए। छत्तीसगढ़ सात राज्यों उत्तरप्रदेश, माहराष्ट्र, उड़ीसा, मध्यप्रदेश, आंध्रप्रदेश, झारखंड, तेलंगाना से घिरा हुआ प्रदेश है। अधिकतम भाजपा शासित राज्यों से नक्सल समस्या दूर करने अपेक्षाकृत सहयोग नही मिला। केंद्र की मोदी सरकार अगर इस मसले को गंभीरता से लेती तो राष्ट्रीय नीति बनाकर नक्सलवाद को समाप्त किया जा सकता था।