नई दिल्ली, 14 अक्टूबर 2020

नए कृषि कानूनों को लेकर हो रहे देशव्यापी विरोध के बीच पंजाब में आंदोलनरत 30 किसान संगठन केंद्र सरकार की चौखट तक पहुंचे। केंद्रीय कृषि सचिव के साथ बातचीत शुरू हुई। लेकिन केंद्र के अपने तर्क और किसान नेताओं के तर्क की वजह से बातचीत किसी निश्चित नतीजे पर नहीं पहुंची। उसके बाद किसान नेताओं ने बैठक का बहिष्कार कर दिया। किसान नेताओं ने कहा कि ऐसी बातचीत का क्या मतलब जिसमें मंत्री शामि न हों। इसके साथ ही अधिकारी सिर्फ अपनी बात कहते रहे।बातचीत दोतरफा होनी चाहिए थी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

केंद्र सरकार के साथ बातचीत बेनतीजा
भारतीय किसान यूनियन (राजेवाल) के प्रमुख बलबीर सिंह राजेवाल ने मंगलवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि केंद्र के साथ बातचीत के लिए सात सदस्यीय समिति बनायी गयी है। इस समिति में बलबीर सिंह राजेवाल, दर्शनपाल, जगजीत सिंह डालेवाल, जगमोहन सिंह, कुलवंत सिंह, सुरजीत सिंह और सतमान सिंह साहनी शामिल थे।

किसानों की मांग
इस दौरान राजेवाल ने बताया कि केंद्रीय कृषि विभाग के सचिव के निमंत्रण के अनुसार केंद्र उनसे बातचीत करना चाहता है। उन्होंने कहा, ‘हम जा रहे हैं, क्योंकि हम निमंत्रण को ठुकराते रहे तो वे कहेंगे कि हम किसी वार्ता के लिए तैयार नहीं हैं। हम उन्हें कोई बहाना नहीं देना चाहते। हम वहां जायेंगे।’ दरअसल नए कृषि कानूनों को लेकर किसान लगातार विरोध कर रहे हैं और पंजाब में यह विरोध प्रदर्शन बहुत व्यापक स्तर पर हो रहा है। तमाम राजनीतिक दलों के अलावा किसान संगठन भी इन कानूनों को वापस लेने के लिए सरकार पर दवाब बना रहे हैं।

लागातार आंदोलनरत हैं किसान
इससे पहले पिछले सप्ताह भी आठ अक्टूबर को किसानों की चिंताओं के समाधान के लिए बुलाये गये सम्मेलन में हिस्सा लेने के केंद्र के न्यौते को ठुकरा दिया था। इन संगठनों के आंदोलन से राज्य में रेल यातायात बाधित हुआ और ताप विद्युत संयंत्रों की कोयला आपूर्ति बुरी तरह प्रभावित हई। बीकेयू (दकुंडा) के अध्यक्ष बूटा सिंह बुर्जिल ने कहा कि ‘रेल रोको’ समेत प्रदेश व्यापी आंदोलन जारी रहेगा।

राजनाथ और कृषि तोमर ने की मुलाकात
आपको बता दें कि मंगलवार को ही कृषि कानूनों को लेकर पैदा हुयी आशंकाओं को दूर करने के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने विभिन्न हितधारकों से संपर्क के प्रयासों के तहत कृषि क्षेत्र से जुड़े नीति विशेषज्ञों, उद्योग के लोगों और शिक्षाविदों से मुलाकात की। इन लोगों ने नए कानूनों की प्रशंसा की। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के साथ राजनाथ सिंह संसद द्वारा पारित तीन कृषि कानूनों पर विचार-विमर्श करने के लिए किसानों और क्षेत्र से जुड़े लोगों के साथ कई बैठकें कर चुके हैं।

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