नई दिल्ली, 19 अगस्त 2020

चीन से आयातित महामारी कोरोना वायरस से जूझ रहे देश के सामने एक और बड़ा खतरा सामने खड़ा नजर आ रहा है। भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (आईसीएमआर) और राष्ट्रीय रोग सूचना विज्ञान एवं अनुसंधान केन्द्र की रिपोर्ट के मुताबिक अगले 5 साल में देश में कैंसर के रोगियों की संख्या में 12 फीसदी की बढ़ोत्तरी देखने को मिल सकती है।

भारत में इस साल कैंसर के रोगियों की संख्या 13.90 लाख रहने का अनुमान है लेकिन 205 तक कैंसर रोगियों की संख्या बढ़कर 15.70 लाख तक पहुंचने की आशंका जताई जा रही है। आईसीएमआर और एनसीडीआईआर के मुताबिक कैंसर रोगियों की संख्या बढ़ने के पीछे तंबाकू प्रमुख कारण होगा।रिपोर्ट के मुताबिक, 2020 में देश में कैंसर से जुड़े कुल मामलों में से करीब 3.7 लाख (27.1%) केस तंबाकू से होने वाले कैंसर के हो सकते हैं।.

महिलाओं को होने वाले स्तन कैंसर से 2 लाख (14.8%) और गर्भाशय कैंसर में 0.75 लाख (5.4%) का योगदान होने का अनुमान है. साथ ही महिलाओं और पुरुषों में आंत के कैंसर के 2.7 लाख मामले (यानी 19.7 फीसद) रहने का अनुमान लगाया गया है.

यहां मिले सबसे अधिक मामले

रिपोर्ट में बताया गया है कि पुरुषों की प्रति 1 लाख की आबादी के आधार पर कैंसर के सबसे अधिक मामले आइजोल जिले में 269.4 की दर से पाए गए. वहीं, उस्मानाबाद और बीड जिले में यह दर प्रति 1 लाख पर 39.5 रही.

दूसरी तरफ, महिलाओं की प्रति 1 लाख की आबादी के आधार पर कैंसर के सबसे ज्यादा मामले की दर 219.8 पापुमपारे जिला में पाई गई. वहीं, उस्मानाबाद और बीड जिले में यह दर 49.4 के साथ सबसे कम रही.

मालूम हो कि पुरुषों में फेफड़े, मुंह, पेट और अन्नप्रणाली के कैंसर सबसे आम होते हैं. वहीं, महिलाओं के लिए स्तन और गर्भाशय के कैंसर सबसे आम समझे जाते हैं.

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