नई दिल्ली,22 अगस्त 2021
मौजूदा समय में ट्रैफिक पुलिस कई श्रेणी के ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने पर कैमरे से फोटो खींच चालान भेजती है. इसमें कई बार ट्रैफिक नियम तोड़ने वाला वाहन स्वामी पुलिस को गलत साबित करने की कोशिश करता है. नियम नहीं तोड़ने की बात कहता है, इस तरह पुलिस और अदालत का समय बर्बाद होता है. लेकिन नई अधिसूचना के बाद पुलिस को कुछ खास श्रेणी के ट्रैफिक नियम तोड़ने पर फुटेज यानी वीडियो लेना होगा. जिसे अदालत में सबूत के तौर पर पेश किया जाएगा. इस तरह वीडियो फुटेज में ही स्पष्ट हो जाएगा. जिससे वाहन स्वामी अपने आपको निर्दोष नहीं बता पाएगा. सड़क परिवहन मंत्रालय ने सड़क सुरक्षा की इलेक्ट्रिानिक निगरानी व प्रवर्तन संबंधी अधिसूचना राज्यों को जारी कर दी है. इसके तहत चौराहों, हाइवे, सड़कों, रेडलाइट और सिपाहियों की बॉडी पर कैमरे लगाए जाएंगे. बस एंड कार ऑपरेटर्स कंफेडेरशन ऑफ इंडिया (सीएमवीआर) के चेयरमैन गुरुमीत सिंह तनेजा का कहना है कि सड़क परिवहन मंत्रालय का यह बदलाव काफी कारगर होगा, इससे पुलिस और अदालत दोनों का समय बचेगा.
इन राज्यों के 132 शहरों में लगेंगे डिजिटल उपकरण
उत्तर प्रदेश के कानपुर, लखनऊ, गाजियाबाद, वाराणसी समेत 17 शहर, मध्य प्रदेश के भोपाल,इंदौर, उज्जैन समेत 7 शहर, राजस्थान के जयपुर, उदयपुर, कोटा समेत 5 शहर, महाराष्ट्र के मुंबई, पुणे, कोल्हापुर, नागपुर समेत 19 शहर, झारखंड के रांची, जमशेदपुर समेत 3 शहर, गुजरात के सूरत, अहमदाबाद समेत 4 शहर, बिहार में पटना, गया समेत 3 शहर के अलावा दिल्ली, हरियाणा, चंडीगढ़, जम्मू-कश्मीर, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश, असम, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, पंजाब, तमिलनाडु, ओडिशा, मेघालय, नागालैंड, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल के मिलाकर 132 शहरों में डिजिटल उपकरण लगेंगे.
इस तरह के ट्रैफिक नियम तोड़ने पर रिकार्डिंग अनिवार्य
. ओवर स्पीडिंग
.गलत जगह गाड़ी पार्क करना
. चालक या पिछली सीट की सवारी द्वारा नियमों का उल्लंघन
.हेलमेट न पहनना
. रेडलाइट जंप करना, गाड़ी चलाते समय मोबाइल का इस्तेमाल
. ओवर लोडिंग
. सीट बेल्ट न लगाना
. माल वाहन में सवारी ढोना
.नंबर प्लेट खराब या छिपी होना
. वाहन की बाडी पीछे या दोनों ओर निकली होना या वाहन में अधिक ऊंचाई तक माल लोड होना