10 फरवरी, 2023

13 महीनों तक दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डरों पर डेरा डालकर केन्द्र सरकार को तीन कृषि कानून वापस लेने के लिए मजबूर कर देने वाले किसान एक बार फिर से दिल्ली में महापड़ाव डालने की तैयारी में हैं। संयुक्त किसान मोर्चा ने 20 मार्च को संसद के सामने किसान महापंचायत करने का ऐलान किया है।

इस संबंध में 9 फररवरी को हरियाणा के कुरुक्षेत्र में संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक बुलाई गई। जिसमें अलग-अलग राज्यों से पहुंचे किसान संगठनों के प्रतिनिधियों ने एक स्वर में 20 मार्च को संसद के बाहर महापड़ाव डालने का निर्णय किया है। संयुक्त किसान मोर्चा ने अपनी मांगों को लेकर एक 31 सदस्यीय राष्ट्रीय समन्वय समिति बनाने का भी निर्णय लिया है।

कुरुक्षेत्र में जाट धर्मशाला में आयोजित संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक की अध्यक्षता युद्धवीर सिंह, राजा राम सिंह एवं डॉ. सुनीलम ने की। किसान नेताओं ने मोदी सरकार के आखिरी बजट पर भी निराशा व्यक्त की है। किसान नेताओं ने कहा कि मोदी सरकार ने बजट में किसानों के लिए कुछ नहीं रखा है।

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अब दिल्ली में किसान महापंचायत के जरिये संयुक्त किसान मोर्चा सभी कृषि उत्पादों के समर्थन मूल्य (एमएसपी), (सीटू+50%) पर खरीद की कानूनी गारंटी, सम्पूर्ण कर्जा मुक्ति , बिजली संशोधन विधेयक 2022 की वापसी , लखीमपुर खीरी में किसानों व पत्रकार के नरसंहार के आरोपी केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी की बर्खास्तगी , प्राकृतिक आपदाओं के कारण किसानों की फसल बर्बाद होने पर शीघ्र क्षतिपूर्ति के लिए व्यापक एवं प्रभावी फसल बीमा योजना, सभी मध्यम, छोटे और सीमांत किसानों और कृषि श्रमिकों को प्रति माह 5,000 रुपये की किसान पेंशन, किसान आंदोलन के दौरान किसानों के खिलाफ दर्ज सभी झूठे मामलों की वापसी, किसान आंदोलन के दौरान शहीद हुए सभी किसानों के परिवारों को मुआवजे का भुगतान , कृषि भूमि के अधिग्रहण पर रोक लगाने की मांग केंद्र सरकार के समक्ष रखेगा।


बैठक में संयुक्त किसान मोर्चा की 9 सूत्रीय दिशा निर्देशिका को अंतिम रूप दिया गया । बैठक में हरियाणा के मंत्री संदीप सिंहट पर लगे  यौन शोषण के आरोपों के बाद संदीप सिंह को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की मांग को लेकर भी प्रस्ताव पारित किया गया। हरियाणा संयुक्त किसान मोर्चा के निर्णय के अनुसार पीड़ित महिला को न्याय दिलाने के लिए संघर्ष को तेज करने का निर्णय भी लिया गया।

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