रायपुर,14 मई 2021
यहां तक कि राजभवन, सीएम हाउस और विधानसभा भवन बनाने के लिए जारी किये गए टेंडर को ही निरस्त कर दिया। कांग्रेस को लगा कि इस मामले में भाजपा पर 21 साबित हो गए हैं। लेकिन दुलत्ती मारने में उस्ताद भाजपा नेता अब नई राजनीति का एंगल खोज लाये हैं।
राजेश मूणत ने भूपेश की मंशा पर उठाए सवाल
पूर्व PWD मंत्री राजेश मूणत ने नया रायपुर में सीएम हाउस, राजभवन और विधानसभा के निर्माण कार्यों का टेंडर निरस्त किये जाने पर सरकार की मंशा पर सवाल उठाए हैं। राजेश मूणत ने कहा कि क्या चहेतों को टेंडर नहीं मिलने की वजह से निर्माण कार्य निरस्त किये गये हैं। राजेश मूणत ने एक बयान जारी कर पूछा कि मुख्यमंत्री बताएं कि निर्माण कार्य रद्द क्यों किया? कितने वित्तीय वर्ष के लिए किया। क्या सरकार वित्तीय संकट से जूझ रही है।निर्माण ठेकेदार को किन शर्तों पर काम करने से मना किया है? क्या वह भुगतान के लिए न्यायालय नहीं जाएगा? आज बंद कर छह महीने बाद नए वित्तीय वर्ष में फिर निर्माण कार्य प्रारंभ तो नहीं होगा? इससे ठेकेदार को कहीं ज्यादा भुगतान तो नहीं करना पडेगा?
सोनिया, राहुल को खुश करना राज्य को पड़ेगा भारी
पूर्व PWD मंत्री राजेश मूणत ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी को खुश करने के चक्कर में राज्य का बड़ा नुकसान कर दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने टेंडर निरस्त करने की बात तो कही है लेकिन कितने वित्तीय वर्ष के सभी निर्माण कार्य रोका गया है? इसकी जानकारी नहीं दी है। साथ ही निर्माण कार्य की राशि का अब किस मद में उपयोग किया जाएगा? ये सरकार को स्पष्ट करना चाहिए।
शराब के सेस का हिसाब दे सरकार
राजेश मूणत ने कहा कि क्या सरकार कोरोना संक्रमण काल में इस राशि का उपयोग करेगी? यदि ऐसा है तो पहले शराब के सेस का 600 करोड़ की राशि का कितना उपयोग हुआ, उसकी जानकारी सार्वजनिक करना चाहिए। क्योंकि कोरोना में सरकार का कोई भी जमीनी काम दिखाई नहीं देता है। अस्पतालों में न आक्सीजन है, न वेटीलेंटर, न वैक्सीन की व्यवस्था कर पाए और न ही दवाओं का।
मूणत ने यह भी पूछा कि सरकार को यह भी स्पष्ट करना चाहिए कि निर्माण कार्यों पर कितना प्रतिशत राशि खर्च कर रही है? फिलूजखर्ची की इतनी ही चिंता होती, तो महीनेभर मुख्यमंत्री व पूरी कैबिनेट असम में जाकर नहीं बैठती, असम के प्रत्याशियों का यहां आवभगत नहीं करते। फिजूलखर्ची कम करने के और भी रास्ते थे, जिस पर सरकार ने विचार ही नहीं किया और चलते निर्माण कार्य को बंद कराकर झूठी वाहवाही लूटने का असफल प्रयास कर रही है। मगर छत्तीसगढ़ की जनता कांग्रेस के इस राजनीतिक दांव-पेंच को भली भाति जानती है। समय आने पर इसका भी हिसाब लिया जाएगा।