फेक या निजी स्वार्थ के लिए खबर देने वाले ऑनलाइन प्लेटफार्म पर नकेल कसने की तैयारी

-जायज तरीके से गंभीर पत्रकारिता करने वाले मीडिया प्लेटफॉर्म को मिलेगा संरक्षण,अधिसूचना जारी

नई दिल्ली।मोदी सरकार ने ऑनलाइन माध्यमों से फेक न्यूज़ या कॉन्टेंट या निजी स्वार्थ के लिए खबर देने वाले माध्यमों पर नकेल कसने की तैयारी कर ली है।ऐसे ऑनलाइन प्लेटफार्म को अब सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के तहत लाया जाएगा. इसके तहत ऑनलाइन न्यूज़ पोर्टलों, ऑनलाइन कंटेंट, करंट अफेयर्स, OTT प्लेटफॉर्म पर दिखाए जा रहे डिजिटल ऑडियो-विज़ुअल कॉन्टेंट कार्यक्रम और वेब शो प्रोवाइडर्स को भी सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के दायरे में लाया जाएगा।इसके लिए केंद्र सरकार की ओर से बुधवार को अधिसूचना जारी कर दी गई है। इन नियमों को भारत सरकार (कार्य आबंटन) 357वां संशोधन नियमावली, 2020 कहा जाएगा।

ऑनलाइन न्यूज़ पोर्टल और ऑनलाइन कंटेंट प्रोग्राम अब भारत सरकार के सूचना और प्रसारण मंत्रालय के नियमों के तहत संचालित होंगे। केंद्र सरकार की ओर से बुधवार को इसकी अधिसूचना जारी कर दी गई है।इसके तहत ऑनलाइन न्यूज़ पोर्टलों, ऑनलाइन कंटेंट प्रोवाइडर्स को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के तहत लाया जाएगा। ऑनलाइन फिल्मों के साथ ऑडियो-विज़ुअल कार्यक्रम, ऑनलाइन समाचार और करंट अफेयर्स के कंटेंट इसमें शामिल होंगे। ऑनलाइन न्यूज पोर्टल और मीडिया वेबसाइट को रेग्युलेट करने के लिए नियम बना लिया है।

बता दें कि केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक मामले में वकालत की थी कि ऑनलाइन मीडिया का प्रसार बहुत अधिक है और इन माध्यमों का नियमन अब टीवी से ज्यादा जरूरी हैं। अब सरकार ने ऑनलाइन माध्यमों से न्यूज या कंटेट देने वाले माध्यमों को मंत्रालयों के तहत लाने का कदम उठाया है।

गौरतलब है कि इससे पहले सरकार ने देश में काम करने वाले डिजिटिल मीडिया के पत्रकारों, फोटोग्राफर्स और वीडियोग्राफरों को भी पीआईबी मान्यता देने जैसे लाभ पर विचार करने की बात कही थी। यही नहीं सरकार ने यह भी कहा था कि वह इन पत्रकारों, फोटोग्राफरों, वीडियोग्राफरों को आधिकारिक संवाददाता सम्मेलन में भागीदार की पहुंच देने पर भी गौर किया जाएगा।

इसी कडी में सरकार ने डिजिटल मीडिया निकायों से अपने हितों को आगे बढ़ाने और सरकार के साथ संवाद के लिए स्वय नियमन संस्थाओं का गठन करने को कहा था। इसी दिशा में अब अधिसूचना जारी कर एक और महत्वूपर्ण निर्णय लिया गया है।इससे अब अपने स्वार्थ के लिए डिजिटल न्यूज प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर फेक कंटेंट देने वाले, फर्जी और भ्रमि​त खबरें देने वालों पर शिकंजा कसा जा सकेगा। साथ ही इस क्षेत्र में जायज तरीके से गंभीर पत्रकारिता की दिशा में काम करने वाले जेनुएन मीडिया प्लेटफॉर्म को सरकारी स्तर पर संरक्षण भी मिल सकेगा।

0Shares
loading...

By Admin

You missed