नई दिल्ली,19 अगस्त, 2020

इंडियन रेलवे स्टेशन डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (IRSDC) ने कहा है कि पुनर्विकसित ( आधुनिक रेलवे स्टेशनों पर यात्री उपयोग शुल्क बाजार आधारित होंगे. इससे पहले भारतीय रेलवे ने कहा था कि पुनर्विकास करने वाली निजी इकाइयां स्टेशनों के लिए यात्रियों से हवाईअड्डे  की तरह शुल्क वसूलेंगी, जो टिकट में शामिल होगा.

‘उपयोग शुल्‍क बाजार की वास्‍तविकताओं के मुताबिक बदलने चाहिए’
भारतीय रेलवे  ने कहा था कि ये शुल्क स्टेशनों पर आने वाले यात्रियों की संख्या पर निर्भर करेगा. हालांकि, आईआरएसडीसी के प्रबंधन निदेशक व सीईओ एसके लोहिया ने कहा कि खर्च ऊपर जा सकते हैं और कम भी हो सकते हैं. इसलिए यात्री उपयोग शुल्क स्थिर नहीं हो सकता. अगर हम किसी को 60 साल के लिए कोई स्टेशन दे रहे हैं तो शुल्क बाजार की वास्तविकताओं के मुताबिक कम-बढ़ होने चाहिए. अगर महंगाई  कम होती है तो शुल्क नीचे भी आ सकते हैं.

केंद्र 50 स्‍टेशनों के पुनर्विकास के लिए आमंत्रित करने वाली है निविदा

लोहिया ने कहा कि उपयोग शुल्क पर सहमति बनी है. रेल मंत्रालय की ओर से इसे अधिसूचित करने की प्रक्रिया जारी है. उपयोग शुल्क से राजस्व की एक निश्चित सीमा है. राजस्‍व में हवाई अड्डे, राजमार्ग और रेलवे स्‍टेशन के उपयोग शुल्क का बड़ा हिस्‍सा होता है. परियोजना लागत का 99 फीसदी उपयोग शुल्‍क से ही वूसला जाता है. उन्होंने कहा कि हवाई अड्डों की तुलना में रेलवे स्‍टेशनों में उपयोग शुल्क कम होगा. सरकार आईआरएसडीसी के जरिये 50 स्टेशनों के पुनर्विकास के लिए निविदा आमंत्रित करने की तैयारी में है, जिससे 2020-21 में लगभग 50,000 करोड़ रुपये का निवेश होगा.

IRSDC ने प्राइवेट पार्टनर्स को दी हैं दो स्‍टेशनों की विकास योजना
आईआरएसडीसी ने दो रेलवे स्टेशनों मध्य प्रदेश में हबीबगंज और गुजरात के गांधीनगर को सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) योजनाओं के तहत विकसित करने के लिए निजी भागीदारों को सौंप दिया था. यह काम दिसंबर 2020 तक पूरा करने की योजना है. गांधीनगर रेलवे स्टेशन पर 94.05 फीसदी सिविल कार्य पूरा हो चुका है, जबकि हबीबगंज में परियोजना अब तक 90 फीसदी से ज्‍यादा पूरी हो चुकी है. हालांकि, कोविड-19 के कारण दोनों परियोजनाओं का तय समय पर पूरा हो पाना करीब-करीब मुश्किल लग रहा है.

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