रायपुर, 20 अप्रैल 2021

कोरोना संक्रमणकाल में कोरोना वायरस को लेकर चल रही सियासी जुबानी जंग थम नहीं रही है। ताजा बयान छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष मोहन मरकाम का आया है। मोहन मरकाम ने मोदी सरकार पर दवाओं और वैक्सीन की सप्लाई में दलालों और बिचौलियों को शामिल करने के आरोप मढ़े हैं।

कोरोना की आपदा में अवसर तलाशना बंद करें मोदी सरकार

पीसीसी चीफ मोहन मरकाम ने कहा कि मोदी सरकार ने स्पष्ट कर दिया है 18 से 45 वर्ष की आयु के युवा वर्ग को फ्री वैक्सीन नहीं दी जाएगी। टीकों और दवाइयों की आपूर्ति में बिचौलियों और दलालों की उपस्थिति सुनिश्चित करने का काम मोदी सरकार ने किया है।

भाजपा प्रदेशाध्यक्ष जनविरोधी- मरकाम

मोहन मरकाम ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय को घेरते हुए कहा कि मोदी सरकार के इस जनविरोधी फैसले को दूरदर्शितापूर्ण बता कर विष्णुदेव साय ने भाजपा के वास्तविक चरित्र को उजागर कर दिया है। समाज के कमजोर वर्गों और गरीबों के लिए मुफ्त वैक्सीन दिए जाने का कोई प्रावधान मोदी सरकार की टीकाकरण नीति में नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि 18 से 45 वर्ष की आयु वर्ग के लिए घोषित टीकाकरण नीति टीका वितरण नीति नहीं टीका वितरण में अन्याय की नीति है। मोदी सरकार ने टीको के मूल्य निर्धारण करने या पीको की सही दर में उपलब्धता सुनिश्चित कराने से भी इंकार कर दिया है।

मोदी ने दिखाई चालाकी

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि मोदी सरकार ने चतुराई से वैक्सीन अभि‍यान के सबसे बड़े चरण के वित्त व्यवस्था को राज्यों पर छोड़ दिया है। मोदी सरकार इस बारे में भी खामोश है कि वैक्सीन उत्पादन कैसे बढेगा,कब तक बढ़ेगा,कितनी आबादी को वैक्सीन मिलेगी?

कंगाली में आटा गीला

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि देश का नौजवान पहले से बेरोजगार है और जिनके पास नौकरी थी उसे भी लॉकडाउन ने छीन लिया, व्यापार खत्म है, पेट्रोल डीजल गैस की बढ़ते दामों और सुरसा की मुंह की तरह बढ़ती महंगाई से देश घिरा हुआ है और मोदी जी कहते हैं कि 18 से 45 वर्ष के लोगों को टीकाकरण के लिए पैसा लगेगा।

खुले बाजार में होगी मनमर्जी

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है की नई टीका नीति की जो जानकारी आई है ।. उसके मुताबिक देश में टीका बनाने वाली अब तक की दो कंपनियों के उत्पादन का आधा हिस्सा केंद्र सरकार लेगी और उसे राज्यों में 45 वर्ष से ऊपर के लोगों को टीका लगाने के लिए देना जारी रखेगी। दूसरी तरफ 18 वर्ष से ऊपर के लोगों को अपनी मर्जी से टीका लगवाने की छूट दे दी गई है और देश की दोनों टीका कंपनियां अपना आधा उत्पादन राज्य सरकारों को या खुले बाजार में अस्पतालों को अपनी मर्जी के रेट पर बेच सकेंगे और अस्पताल उन्हें एक मुनाफा लेकर लोगों को लगा सकेंगे।

इस आयु वर्ग के करीब 50 करोड़ लोग

मोहन मरकाम ने कहा कि 18 से 45 वर्ष के बीच के लोगों की संख्या हिंदुस्तान में 40 50 करोड़ से अधिक है जबकि देश में टीकों की मौजूदा उत्पादन क्षमता हर महीने 6 – 7 करोड़ ही है. जिस आयु वर्ग के लिए टीका लगाने की नीति घोषित की है उसके लिए अगले 6 महीने में भी देश में पर्याप्त टीके नहीं बनने वाले हैं। ऐसे मिट्टी को को बाजार मूल्य के आधार पर छोड़ देना स्वाभाविक रूप से टीकाकरण के कार्यक्रम में मुनाफाखोरी और कालाबाजारी को बढ़ावा देगा। मोदी सरकार का यह फैसला सीधे-सीधे समाज के गरीब वर्गों कमजोर वर्गो और बस्तर सरगुजा और ग्रामीण अंचलों में रहने वाले लोगों के हितों के खिलाफ लिया गया फैसला है।

 

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