मुंगेली। मानव इतिहास में यह कालखंड बड़ी आपदा लेकर आया है और मनुष्य होने के नाते सभी का कर्तव्य है कि एक दूसरे की मदद करें ऐसे में निजी स्कूलों द्वारा दबाव पूर्वक अभिभावकों से वर्ष भर की फीस मांगी जा रही है जो कि किसी भी रूप में न्याय उचित नहीं है निजी स्कूलों का संचालन अभिभावकों के सहयोग से ही होता है और एक विश्वास के संबंध पर आधारित है लेकिन इस संकट काल में निजी स्कूलों द्वारा जिस तरह से गैर जिम्मेदाराना रवैया अपनाते हुए फीस की मांग की जा रही है असंवैधानिक है।बहुत सी स्कूलों द्वारा विद्यार्थियों को ऑनलाइन शिक्षा भी नहीं दी गई है या जिन महीनों में ऑनलाइन शिक्षा नहीं दी गई है उसकी भी फीस की मांग की जा रही है।निजी स्कूलों द्वारा जो सेवा विद्यार्थियों को प्रदान ही नहीं की गई है उसका सेवा शुल्क की मांग गैर कानूनी है।छत्तीसगढ़ विधानसभा द्वारा निजी स्कूल फीस विधायक 2020 पारित किया गया है जिसके तहत सभी नीजि स्कूलों में अभिभावकों के साथ, समिति गठित होनी है जिला में समिति गठित होनी है एवं राज्य स्तर पर समिति गठित होनी है और यह समितियां यह तय करेगी की किस स्कूल में कितनी फीस अभिभावक प्रदान करेंगे, लेकिन दुर्भाग्य जनक ढंग से मुगेली जिले में आज दिनांक तक इन समितियों के गठन के लिए प्रक्रिया प्रारंभ नहीं हुई हैं जिसके कारण अभिभावक असमंजस में है और दूसरी ओर निजी स्कूल प्रबंधन फीस के लिए दबाव बना रहे हैं जबकि छत्तीसगढ़ विधानसभा ने जब इसके संबंध में कानून पारित कर दिया गया है तब जब तक समितियों का निर्णय पारित होकर यह सुनिश्चित नहीं हो जाता कि किसी स्कूल में कितनी फीस लेना वैधानिक है उससे पहले फीस की मांग ना तो निश्चित है नाही वैधानिक जनहित में जिला प्रशासन अति शीघ्र इन समितियों का गठन कर फीस का निर्धारण कराएं और इस प्रक्रिया में पूरी पारदर्शिता के साथ स्कूलों के अभिभावकों को शामिल किया जाए ताकि अभिभावकों को अनावश्यक बोझ ना हो साथ ही स्कूल के शिक्षकों के वेतन की व्यवस्था एवं अन्य आवश्यक व्यवस्था संपन्न हो सके ऐसा प्रयास अति शीघ्र जिला प्रशासन को करना चाहिए।
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