रायगढ़ , 27 मई 2023

रायगढ़ के रामलीला मैदान पर 1 से 3 जून तक आयोजित होने जा रहे भव्य राष्ट्रीय रामायण महोत्सव के आयोजन में मुस्लिम समाज बढ़-चढ़कर हिस्सा लेगा। राष्ट्रीय रामायण महोत्सव में शामिल होने वाले आगंतुकों का मुस्लिम समाज शर्बत-ए-मोहब्बत से स्वागत करेगा। रायगढ़ के शेख सलीम नियारिया ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल से कला और संस्कृति की नगरी रायगढ़ में राष्ट्रीय रामायण महोत्सव का आयोजन होना रायगढ़वासियों के लिए फक्र की बात है।

                        शेख सलीम नियारिया

गंगा-जमनी तहजीब की मिसाल बनेगा महोत्सव

रायगढ़ की तहजीब है जहां सब मिलकर रहते हैं। सुखदुख में साझीदारी करते हैं। इन सुंदर सरोकारों ने ही रायगढ़ को संस्कारधानी बनाया है। 3 दिनों तक चलने वाले इस भव्य आयोजन में श्रीराम के चरित स्मरण से संस्कारधानी की यह परंपरा और मजबूत होकर उभरने वाली है। राम कथा की यह विशेषता है कि इस कथा के श्रवण से श्रीराम के आदर्श हमारे मन के भीतर घुलने लगते हैं। उनके सामूहिक नेतृत्व का चरित्र और सबको साथ में लेकर सबकी प्रतिभा को निखारकर मानव जाति में सत्य के मूल्यों की स्थापना का उनका संकल्प जब विजयी होता है तब आम आदमी भी स्वयं की सात्विक शक्ति को महसूस करता है।

मेलमिलाप की संस्कारधानी की परंपरा की झलक दिखेगी महोत्सव में

राम कथा में कई प्रसंगों में श्रीराम के वन गमन और सीता माता की खोज के दौरान विभिन्न समुदायों के लोगों का जिक्र है, जो उनके उद्देश्य पूर्ति में साथ जुड़ते चले जाते हैं। चाहे वह निषादराज हों जो वनवास में जा रहे श्रीराम, माता सीता और लक्ष्मण को गंगाजी पार करवाते हैं या शबरी जिन्होंने सीता की खोज में निकले श्रीराम को प्रेम से बेर खिलाए और आगे की राह बताई। रामायण में प्रसंग आता है जब श्री राम लंका के लिए सेतु निर्माण के लिए अपनी वानर सेना को  निर्देशित करते हैं। सब जुट जाते हैं। एक गिलहरी भी इसमें सहयोग करने आगे बढ़ती है। उससे पूछा जाता है कि ऐसा क्यों, उसका जवाब होता है। शुभ कार्य में यथा संभव जितनी हिस्सेदारी हो उतना अच्छा, ऐसा श्रीराम का चरित्र है। उनके पुनीत उद्देश्यों के लिए सभी वर्ग आगे आये और रामायण की कथा में श्री राम सबके साथ उद्देश्यपूर्ति करते हैं।

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राष्ट्रीय रामायण महोत्सव के आयोजन के पीछे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशा है कि लोग अपनी श्रेष्ठ परंपराओं को गहराई से जानें। श्री राम के उदार, उदात्त चरित्र को बारीकी से समझें। जब राम को गहराई से जानेंगे तभी तो हम सुराज के सपनों को साकार करने बढ़ सकेंगे। यह ऊर्जा संचार का महोत्सव है। श्रीराम के उत्तम जीवन चरित को अपने जीवन में उतारें और शुभ संकल्पों से राष्ट्र को मजबूत बनाएं।

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