रायपुर, 25 जुलाई 2020

छत्तीसगढ़ में भाजपा की सांसद सरोज पाण्डे के बयान से शुरु हुई सियासत खिंचती जा रही है। सरोज पाण्डे ने भूपेश बघेल के भेजे पत्र और दिये गये लूगरे के जवाब में उन्हें धन्यवाद दिया है। वहीं रायपुर पश्चिम के विधायक विकास उपाध्याय ने कहा है कि सरोज पाण्डे के बयान ने साबित कर दिया है कि भाजपा नेताओं को ही अब भाजपा से ज्यादा सीएम भूपेश पर भरोसा है।  विकास उपाध्याय ने कहा कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने पिछले विधानसभा चुनाव में जनता से 36 वायदे किये थे और सरकार को काम करते महज 18 माह हो रहे हैं। जिसमें पिछले दिनों शिक्षा कर्मियों का संविलियन कर कुल 23 वायदे अभी तक पूरे कर लिए हैं। ऐसे में स्वाभाविक है भाजपा के लिए ये चिंता का विषय है कि वह जनता के बीच अब किन मुद्दों को लेकर जाएगी। भाजपा व उसके नेता भूपेश सरकार के खिलाफ मुद्दों को लेकर पूरी तरह से कंगाल हो चुके हैं।

विकास उपाध्याय ने कहा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने समय के साथ बदलते राजनैतिक परिवेश को एक नई दिशा दी है। जिसका उदाहरण पिछले दिनों तब देखने मिला था जब वैचारिक रूप से बीजेपी से करीब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने कांग्रेस के गोधन न्याय योजना को लेकर सार्वजनिक रूप से कांग्रेस की प्रशंसा की थी। विकास ने कहा रमन सरकार 15 साल में गौ ग्राम स्वावलंबन अभियान और गौ संरक्षण अभियान को लेकर कुछ नहीं कर सकी, जिसे भूपेश बघेल ने एक झटके में उससे कहीं ज्यादा कर बता दिया की भाजपा के पास करने अब कुछ नहीं रह गया है।

विकास उपाध्याय ने कहा जो भाजपा 15 वर्षो तक छत्तीसगढ़ में शराब को बहुप्रतीक्षित योजना के रूप में चला रही थी आज सिर्फ इसलिए इसका विरोध कर रही कि कांग्रेस इस योजना को बंद कराना चाहती है? क्या सरोज पाण्डे 15 साल तक राखी बंधवाना भूल गईं थीं जो इस ज्वलन्त मुद्दे को उपहार स्वरूप किसी से मांगा नहीं। क्या इस कथित बहन को भाई स्वरूप मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा अभी तक 23 जनकल्याणकारी वायदों को पूरा करने में कोई अच्छाई नहीं दिखी जो आज तक इसके लिए कोई वक्तव्य या बधाई संदेश नहीं भेजीं।

विकास उपाध्याय ने कहा आज राजनीति में जनता का विश्वास जितना सभी राजनीतिज्ञों के लिए एक बड़ी चुनौती है और भूपेश बघेल ने मुख्यमंत्री के तौर पर इस चुनौती में पूरी तरह सफल हुए हैं। यही वजह है कि भाजपा के नेताओं को भी लगने लगा है कि जो भूपेश बघेल कर सकते हैं, वो खुद क्या मोदी व अमित शाह भी नहीं कर सकते या कहें डॉ.रमन सिंह, सरोज पाण्डे, बृजमोहन अग्रवाल और अजय चंद्राकर जैसे नेताओं को अपने नेताओं और खुद पर विश्वास नहीं रह गया है। इसी कारण ये नेता अब याद दिलाना या याद करना नहीं चाहते कि उनको आदिवासी परिवारों को एक-एक गाय भी देना था। धान खरीदी 2100 रु प्रति क्विंटल के साथ 5 साल तक 300 रुपये बोनस देना था। आदिवासियों से लघु वनोपजों के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर क्रय करना था। हर साल मोदी के कहे अनुसार एक करोड़ रोजगार देना। पेट्रोल प्रतिलीटर 40 रु में मुहैय्या कराना और तो और महिलाओं को 33% संसद व विधानसभा में आरक्षण से लेकर महंगाई कम करना। भ्रष्टाचार को समाप्त करना जैसी बातें सब भूल गए या फिर याद करना नहीं चाहते।

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