जयपुर, 19 मार्च,2021
उच्च शिक्षा राज्य मंत्री भंवर सिंह भाटी ने आज विधानसभा में कहा कि कोचिंग संस्थानों पर नियंत्रण के लिए राज्य सरकार द्वारा शीघ्र ही नियामक प्राधिकरण के गठन की घोषणा की जाएगी। उन्होंने बताया कि प्राधिकरण के गठन का कार्य प्रक्रियाधीन है। भंवर सिंह भाटी प्रश्नकाल में विधायकों द्वारा इस सम्बन्ध मे पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने बताया कि कोचिंग संस्थानों पर नियंत्रण के लिए शिक्षा एवं प्रशासनिक सुधार विभाग द्वारा समय-समय पर दिशा-निर्देश जारी किये जाते है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में निजी कोचिंग संस्थानों के लिए शिक्षा विभाग या उच्च शिक्षा विभाग से पंजीयन कराने या अनुमति देने का कोई प्रावधान नहीं है।
उन्होंने बताया कि प्रशासनिक सुधार विभाग द्वारा जिला कलक्टर की अध्यक्षता में स्थानीय स्तर पर कोचिंग संस्थानों से जुड़ी शिकायतों के निस्तारण के लिए एक समिति भी बनाई गई है। समिति में जिले के पुलिस अधीक्षक व अन्य जिला अधिकारी सदस्य होते है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2016 एवं 2017 में शिक्षा विभाग द्वारा तथा वर्ष 2018 में प्रशासनिक सुधार विभाग द्वारा कोचिंग संस्थाओं के लिए एडवाइजरी भी जारी की गई है। उन्होंने आश्वासन दिया कि जन घोषणा पत्र के तहत कोचिंग संस्थाओं पर नियंत्रण के लिए शीघ्र ही नियामक प्राधिकरण का गठन किया जाएगा।
इससे पहले भाटी ने विधायक सुरेश सिंह रावत के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में बताया कि निजी शिक्षण संस्थाओं और कोचिंग केन्द्रों पर प्रभावी नियंत्रण हेतु नियामक प्राधिकरण का गठन किया जाना प्रक्रियाधीन है। उन्हाेंने बताया कि कोचिंग केन्द्रों में विद्यार्थियों द्वारा जमा कराये गये शुल्क को लौटाने अथवा आगामी कोर्सेज में सम्मिलित करने का कोई प्रस्ताव वर्तमान में विचाराधीन नहीं है। केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा कोविड-19 के मद्देनजर जारी की गई गाइडलाइन्स में आफलाइन कक्षाओं के संचालन का कोई विकल्प नहीं था।
उच्च शिक्षा मंत्री ने बताया कि कोचिंग केन्द्रों पर प्रभावी नियंत्रण हेतु प्रस्तावित नियामक प्राधिकरण के गठन के पश्चात इस बाबत नियम बनाकर तदनुसार कार्यवाही की जाएगी।
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