जयपुर:- राज्यसभा चुनाव के बीस दिन बाद राजस्थान में विधायकों की खरीद-फरोख्त का मामला फिर गरमा रहा है. आज SOG ने मुकदमा दर्ज किया है. राज्यसभा चुनाव से पहले मुख्य सचेतक महेश जोशी ने परिवाद दिया था. परिवाद की जांच में कुछ मोबाइल नंबर सामने आए थे. उन्हीं मोबाइल नंबरों की जांच के बाद SOG ने परिवाद को सही माना है. अब खुद SOG की ओर से ही मुकदमा दर्ज किया गया है. अब SOG के वरिष्ठ अधिकारी मामले की जांच करेंगे।।
गौरतलब है कि महेश जोशी ने राज्यसभा चुनाव के दौरान पुलिस महानिदेशक, एसीबी से एक आधिकारिक शिकायत की थी और उन बीजेपी कार्यकर्ताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की थी, जो धनबल के जरिए निर्दलीय विधायकों को लुभाने की कोशिश कर रहे थे। महेश जोशी ने डीजी कि एसीबी को संबोधित अपने पत्र में कहा था, ‘हमें अपने विश्वस्त सूत्रों से पता चला है कि मध्यप्रदेश, गुजरात, कर्नाटक की तर्ज पर बीजेपी, कांग्रेस के विधायकों के साथ ही हमारी सरकार को समर्थन दे रहे निर्दलीय विधायकों को लालच देकर राजस्थान में सरकार को अस्थिर करने की कोशिश कर रही है।
वहीं इससे पहले आज मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ भाजपा विधायक अशोक लाहोटी, सुभाष पूनिया, रामलाल शर्मा और निर्मल कुमावत ने विशेषाधिकार हनन का आरोप लगाया है. विधायकों ने इसको लेकर विधानसभा सचिव को पत्र सौंपा है. इस पर नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया के भी हस्ताक्षर है. आरोप में मुख्यमंत्री के 35 करोड़ वाले बयान को कोट किया गया है. इस बारे में विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष कटारिया के कक्ष में एक बड़ी बैठक भी हुई है।।
निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा ने भी बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया पर विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव पेश किया. लोढ़ा ने शिकायत में कहा है कि, सतीश पूनिया ने आरोप लगाया था कि कांग्रेस की बाड़ेबंदी के दौरान 23 विधायकों को वोट के बदले खान, रिको प्लॉट देने और कैश ट्रांजैक्शन से लाभान्वित किया गया है।
21 जून को विधानसभा में दी थी शिकायत:-
दरअसल, कांग्रेस सरकार को समर्थन दे रहे निर्दलीय संयम लोढ़ा ने पूनिया के खिलाफ विशेषाधिकार हनन की शिकायत 21 जून को विधानसभा में दी थी. विधानसभा सचिवालय ने अध्यक्ष के समक्ष फाइल पुटअप किया था. ऐसे में अब दोनों ही मामलों में विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी को फैसला करना है।
By:- भूपेंद्र शर्मा,संपादक,राजस्थान