नई दिल्ली,18 नवंबर, 2020

 उच्चतम न्यायालय ने उत्तर प्रदेश सरकार को मई में घोषित परिणामों के आधार पर सहायक बेसिक शिक्षकों के 69,000 रिक्त पदों पर भर्ती करने की बुधवार को अनुमति दे दी. न्यायमूर्ति यू यू ललित की अगुवाई वाली पीठ ने सहायक बेसिक शिक्षकों के चयन के लिए कट ऑफ अंक बरकरार रखने के इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ की याचिका समेत अन्य याचिकाओं को खारिज कर दिया. शीर्ष अदालत ने कहा कि राज्य को उत्तर प्रदेश में शिक्षा मित्र शिक्षकों को सहायक बेसिक शिक्षकों के तौर पर चयन के लिए फिर से प्रतियोगिता में भाग लेने का एक और मौका देने की अनुमति होगी.

इधर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सहायक अध्यापकों की भर्ती के प्रकरण में सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार के निर्णय पर सर्वोच्च न्यायालय ने अपनी मुहर लगाई है. एक सरकारी बयान के मुताबिक मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे शिक्षामित्र जिन्हें मौका नहीं मिला है, उनको राज्य सरकार द्वारा एक और अवसर दिया जाएगा. उन्होंने बेसिक शिक्षा विभाग को निर्देशित किया है कि शीघ्र ही भारत निर्वाचन आयोग की अनुमति लेकर सहायक अध्यापक के पद पर चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र जारी करें.

संघ और कई अन्य शिक्षा मित्रों ने उत्तर प्रदेश सरकार के सात जनवरी, 2019 के आदेश को चुनौती दी थी. इस आदेश में कहा गया था कि सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा 2019 को उत्तीर्ण करने के लिए सामान्य श्रेणी के उम्मीदवारों को कम से कम 65 प्रतिशत अंक और आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों को 60 प्रतिशत अंक हासिल करने होंगे.

पीठ ने अपने आदेश में कहा कि उसने राज्य सरकार के इस प्रतिवेदन को दर्ज कर लिया है कि परीक्षा उत्तीर्ण करने में असफल रहने वाले शिक्षा मित्रों को अगले चयन में प्रतियोगिता में बैठने का एक और अवसर दिया जाएगा. शीर्ष अदालत ने कहा कि राज्य को उत्तर प्रदेश में शिक्षा मित्र शिक्षकों को सहायक बेसिक शिक्षकों के तौर पर चयन के लिए फिर से प्रतियोगिता में भाग लेने का एक और मौका देने की अनुमति होगी

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