रायपुर: छत्तीसगढ़ में केंद्र सरकार राज्य सरकार के साथ मिल कर नक्सली उन्मूलन अभियान चला रही है। अभियान की वजह से नक्सली या तो सुरक्षाबलों के हाथों मारे जा रहे हैं या फिर सरेंडर करने में अपनी भलाई समझ रहे हैं। बारिश का मौसम आते ही छत्तीसगढ़ में नक्सली काफी कमजोर हुए और गुरुवार का दिन सुरक्षाबलों के लिए सफलता का दिन रहा। राज्य के पांच अलग अलग जिलों में कुल 67 माओवादियों ने अपने हथियार डाल कर सरेंडर कर दिया।
कांकेर जिले में 13, नारायणपुर जिले में 8, सुकमा में 5, दंतेवाड़ा में 16 और बीजापुर जिले में 25 नक्सलियों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया। इन पांचों जिलों में कुल 67 नक्सली लाल आतंक का साथ छोड़ते हुए मुख्यधारा में लौट आये हैं। इन 67 नक्सलियों पर कुल 2 करोड़ 54 लाख रुपये का इनाम घोषित था। ये सभी नक्सली कई बड़े नक्सली वारदात में शामिल थे। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के मार्च 2026 से पहले छत्तीसगढ़ समेत देश को नक्सल मुक्त करने के संकल्प को लेकर राज्य सरकार के मार्गदर्शन में फोर्स बस्तर संभाग के नक्सलियों की मांद में घुसकर उनका मुकाबला कर रही है।
उन्हें मौत की नींद सुला रही हैं। इस वजह से भयभीत नक्सली अपनी जान बचान के लिये सरेंडर करने में ही अपनी भलाई समझ रहे हैं। बता दें कि छत्तीसगढ़ का बस्तर संभाग चारों तरफ से वनों से घिरा है। प्रकृति ने इस संभाग को काफी खूबसूरती से संवारा है। यहां पर कई प्राकृतिक गुफायें भी हैं। माना जाता है कि इन गुफाओं में प्राचीन काल में ऋषि-मुनि निवास करते थे। अब इन गुफाओं को नक्सलियों ने अपना सुरक्षित ठिकाना बना लिया। नक्सल ऑपरेशन के दौरान जवानों ने इन गुफाओं से नक्सलियों को बेदखल कर दिया। नक्सली जान बचाकर भाग गये।