Tag: jubin nautiyal siinger

बरसों हो गए बिछुड़े, अब साथ नहीं हो तुम, फिर ऐसा क्यों लगता है जहां मैं हूं, वहीं हो तुम, क्या आपने सुनी हैं ये पक्तियां ?

मुंबई, 10 अगस्त कल रास्ते में ग़म मिल गया था, लग के गले मैं रो दिया, जो सिर्फ मेरा था सिर्फ मेरा, मैंने उसे क्यों खो दिया…ये सिर्फ पक्तियां नहीं…

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