संगीत की दुनिया का ऐसा निराला फ़नकार जिसने दस्तूरों में बंधकर नहीं, बल्कि दस्तूरों के बंधन तोड़कर ज़िंदगी को कुतुबमीनार समझकर जिया।
रायपुर, भारतीय फिल्म एवं गीत-संगीत के इतिहास के उस निराले, हुनरमंद फ़नकार के बारे में कुछ लिखना शुरु करूं, उससे पहले आप ये ऑडियो-वीडियो क्लिप सुन लीजिये। 1943 में आई…