रायपुर, 31 मई 2021
वर्चुअल योगाभ्यास एवं योग परामर्श कार्यक्रम का शुभारंभ
इस अवसर पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि योग एक सरल, सस्ता और सुलभ माध्यम है। इसे अपनाकर हम वर्तमान और भविष्य के खतरों से खुद को बचा सकते हैं। योग अभ्यास कार्यक्रम की अध्यक्षता समाज कल्याण मंत्री एवं छत्तीसगढ़ योग आयोग की अध्यक्ष अनिला भेंड़िया ने की। इस अवसर पर गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू, अपर मुख्य सचिव गृह सुब्रत साहू, सचिव समाज कल्याण विभाग रीना बाबा साहेब कंगाले उपस्थित थीं। संचालक समाज कल्याण पी. दयानंद सहित छत्तीसगढ़ योग आयोग और समाज कल्याण विभाग के वरिष्ठ अधिकारी, विभिन्न जिलों से नागरिक, योग प्रशिक्षक भी इस कार्यक्रम से वर्चुअल रूप से जुड़े।
वर्चुअल कक्षाएं आगामी एक वर्ष तक अनावरत चलती रहेंगी
31 मई को अंतर्राष्ट्रीय धूम्रपान निषेध दिवस भी है। इस मौके पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय धूम्रपान निषेध दिवस को मनाने के मूल में सभी के स्वास्थ्य की चिंता ही है। इसके साथ ही साथ अब कोरोना-वायरस के कारण हो रहे नुकसान की भी चिंता शामिल हो गई है। कोरोना की पहली और दूसरी लहर ने हम सभी के स्वास्थ्य को बहुत नुकसान पहुंचाया है। जो लोग संक्रमण से बच गए हैं, उन्हें भी मानसिक तनाव का सामना करना पड़ रहा है। दूसरी लहर पर नियंत्रण पाया जा चुका है, लेकिन तीसरी लहर की आशंका भी सामने है। उस तीसरी लहर का सामना करने के लिए भी हमें शारीरिक और मानसिक रूप में तैयार रहना होगा। कोरोना की दूसरी लहर के समय हम सबने देखा कि जिन लोगों की इम्युनिटी कमजोर रही, उनके प्राण संकट में पड़ गए थे।
आज से शुरु हुईं योग कक्षाएं अनवरत चलती रहेंगी। सोशल मीडिया पर इन कक्षाओं का लाइव प्रसारण होगा, साथ ही इनकी रिकार्डिंग भी उपलब्ध रहेगी। कोई भी, कभी भी, इन कक्षाओं का लाभ उठा सकता है। जूम एप, गूगल मीट, सिस्को वेब एक्स आदि के माध्यम से इन योग कक्षाओं से लाइव जुड़कर भी इनका लाभ उठाया जा सकता है। मुख्यमंत्री ने इस कार्यक्रम को शुरू करने के लिए समाज कल्याण विभाग और छत्तीसगढ़ योग आयोग को बधाई दी।
नशा नाश ही करता है
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए महिला एवं बाल विकास तथा समाज कल्याण मंत्री अनिला भेंड़िया ने कहा कि आज नशा करने की प्रवृत्ति विश्व स्तर पर भयावह हो गई है। ऐसी स्थिति में जन सामान्य को योग विशेषज्ञों के द्वारा नियमित योगाभ्यास कराकर नशे से दूर रखा जा सकता है। योग प्राचीन भारतीय परंपरा एवं संस्कृति की अमूल्य धरोहर रही है। योग लोगों के मन, विचार, कर्म को संयमित रखते हैं। योग विद्या का उद्भव हजारों वर्ष प्राचीन है। वर्तमान समय में योगाभ्यास को चिकित्सकों द्वारा वरीयता दी गई है। उन्होंने कहा कि योग आध्यात्मिक अनुशासन एवं अत्यंत विशिष्ट विज्ञान पर आधारित ज्ञान है, जो मन और शरीर के बीच सामंजस्य स्थापित कर रोग प्रतिरोधक क्षमता एवं आत्मबल में वृद्धि कराता है। आगामी 1 वर्ष तक चलने वाले इस कार्यक्रम के जरिए योग प्रशिक्षकों एवं विभाग के अंतर्गत कार्यरत फिजियोथैरेपिस्ट द्वारा योगाभ्यास कराया जाएगा। उन्होंने प्रदेश के समस्त नागरिकों से इस महा अभियान में सम्मिलित होने का आह्वान किया।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कांकेर के वरिष्ठ नागरिक संजय काशी, छत्तीसगढ़ योग आयोग के फिजियोथैरेपिस्ट डॉ. शरद तिवारी, योग प्रशिक्षक पुष्कर चौबे से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए चर्चा की। इस अवसर पर योगाभ्यास का वर्चुअल प्रदर्शन भी किया गया। समाज कल्याण विभाग की सचिव रीना बाबा साहेब कंगाले ने कार्यक्रम की रूपरेखा पर प्रकाश डाला। संचालक, समाज कल्याण पी. दयानंद ने कार्यक्रम के बारे में विस्तार से जानकारी दी।