रायपुर, 07 अगस्त 2020

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने निरस्त किए गए वन अधिकार दावों पर पुनर्विचार कर पात्र हितग्राहियों को वन अधिकार मान्यता पत्रों के वितरण में तेजी लाने के निर्देश अधिकारियों को दिये हैं। सीएम ने आज कहा कि वन अधिकार अधिनियम के तहत निरस्त किए गए वन अधिकार दावों की समीक्षा के काम को राज्य सरकार ने अपनी सर्वाेच्च प्राथमिकता के कार्याें में शामिल किया है। इस कार्य में तेजी लाने के लिए सभी संबंधित विभाग समन्वय के साथ काम करें और निर्धारित प्रक्रिया का पालन करते हुए पात्र हितग्राहियों को वन अधिकार मान्यता पत्र से लाभ पहुंचाने की कार्रवाई में तेजी लाएं। सीएम ने मुख्य सचिव को इस कार्य की मॉनीटरिंग करने के निर्देश दिए हैं।

मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा कि वन अधिकार मान्यता पत्र प्राप्त हितग्राहियों को वितरित की गई जमीन पर आवश्यकतानुसार भूमि समतलीकरण और मेढ़ बंधान के कार्य कराए जाएं। सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने के लिए नलकूप, कुंए के लिए सहायता दी जाएं, इन हितग्राहियों को खेती-किसानी के लिए खाद बीज और कृषि उपकरण भी उपलब्ध कराए जाएं। मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में 4 लाख 22 हजार व्यक्तिगत वन अधिकार मान्यता पत्र वितरित किए गए हैं, जिसके तहत 3 लाख 81 हजार 148 हैक्टेयर वन भूमि वितरित की गई है। इसी प्रकार प्रदेश में 30 हजार 900 सामुदायिक वन अधिकार मान्यता पत्र वितरित किए गए है, जिनमें 12 लाख 37 हजार 822 हैक्टेयर वन भूमि वितरित की गई है। नई सरकार के गठन के बाद निरस्त किए गए वन अधिकार मान्यता पत्रों की समीक्षा के बाद एक जनवरी 2019 से अब तक 26 हजार 924 व्यक्तिगत वन अधिकार के दावे स्वीकृत किए गए, इनमें से 16 हजार 716 व्यक्तिगत वन अधिकार मान्यता पत्रों के तहत हितग्राहियों को 6 हजार 835 हैक्टेयर वन भूमि वितरित की गई।

सीएम ने बताया कि 10 हजार 727 सामुदायिक दावों को स्वीकृत किया गया और 6 हजार 311 सामुदायिक वन अधिकार मान्यता पत्रों का वितरण किया गया। सामुदायिक वन अधिकार पत्रों में कुल 4 लाख 37 हजार हैक्टेयर वन भूमि मान्य की गई है। इसी प्रकार वनों के संसाधनों पर 23 सामुदायिक वन संसाधन अधिकार पत्रों में 26 हजार 900 हैक्टेयर वन भूमि मान्य की गई है।

इस अवसर पर वनमंत्री मोहम्मद अकबर, पंचायत एवं ग्रामीण विकास तथा स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री जयसिंह अग्रवाल, आबकारी मंत्री कवासी लखमा, खाद्य मंत्री अमरजीत भगत, सांसद बस्तर दीपक बैज, मुख्यमंत्री के सलाहकार विनोद वर्मा और राजेश तिवारी, मुख्य सचिव आर.पी. मण्डल,  मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, प्रमुख सचिव वन  मनोज पिंगुआ, प्रधान मुख्य वन संरक्षक राकेश चतुर्वेदी, मुख्यमंत्री के सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी, आदिवासी विकास विभाग के सचिव डी. डी. सिंह, राजस्व सचिव रीता शांडिल्य उपस्थित थीं।

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