नई दिल्ली,19 मार्च 2021

फरवरी में जब से चुनाव आयोग ने देश के 4 राज्य और एक केन्द्रशासित प्रदेश में विधानसभा चुनाव का ऐलान किया है। तब से पेट्रोल और डीजल के दामों में रोजाना होने वाली बढ़ोत्तरी पर ब्रेक लग गया है। 27 फरवरी को अंतिम बार पेट्रोल कंपनियों ने पेट्रोल डीजल के दामों में संशोधन किया था। उसके बाद से पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कोई इजाफा नहीं हुआ है।अगर कीमतों में बढ़ोत्तरी जारी रहती तो अब तक मुंबई में पेट्रोल का दाम 103 रुपये लीटर से ज्यादा पहुंच गया होता।

हालांकि, पेट्रोल का भाव कुछ शहरों में पहले ही 100 रुपये के करीब पहुंच चुका है। कीमतों में नियमित संशोधन नहीं होने से उपभोक्ताओं को कुछ राहत मिली है। लेकिन तेल कंपनियां अपने घाटे का रोना रोने लगी है। सरकारी तेल कंपनियों के मुताबिक एक लीटर पेट्रोल पर 4 रुपये और डीजल पर 2 रुपये प्रति लीटर  का नुकसान हो रहा है।

तमिलनाडु समेत पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों की घोषणा के एक दिन बाद 27 फरवरी से तेल कंपनियों ने कीमतों में संशोधन करना बंद कर दिया। तब से, भारत के लिए क्रूड की लागत 26 फरवरी को 64.7 डॉलर प्रति बैरल से बढ़कर बुधवार को 68.8 डॉलर प्रति बैरल हो गई. इस दौरान रुपये में भी कमजोरी रही. बुधवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 72.55 पर बंद हुआ।

श्रीगंगानगर समेत राजस्थान के कुछ अन्य शहरों में 17 फरवरी को पहली बार पेट्रोल की कीमत में 100 रुपये प्रति लीटर के करीब पहुंच गई थी. इसके बाद, ज्यादा वैट वसूलने वाले कई राज्यों में भी पेट्रोल के दाम 100 रुपये लीटर के पार पहुंच गए थे. कई अन्य राज्यों में कीमतें 90 रुपये प्रति लीटर से अधिक पहुंच गई थीं. रसोई गैस के दाम भी दिसंबर से अब तक 175 रुपये बढ़ चुके हैं।

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