नई दिल्ली, 24 अगस्त 2021
1 अक्टूबर से सैलरी स्ट्रक्चर में होगा बदलाव
1 अक्टूबर से वेतनभोगी लोगों के वेतन ढांचे में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है. कर्मचारियों के टेक होम वेतन में कमी हो सकती है. इसके अलावा नए श्रम कानून में काम के घंटे, ओवरटाइम, ब्रेक टाइम जैसी चीजों को लेकर भी प्रावधान किए गए हैं. हम इसे एक-एक करके समझेंगे, लेकिन सबसे पहले हम यह समझ लें कि नया वेतन कोड क्या है?
क्या है न्यू वेज कोड?
सरकार ने 29 श्रम कानूनों को मिलाकर 4 नए वेतन कोड तैयार किए हैं. अगस्त 2019 को संसद ने तीन श्रम संहिताओं, औद्योगिक संबंधों, काम की सुरक्षा, स्वास्थ्य और काम करने की स्थिति और सामाजिक सुरक्षा से संबंधित नियमों में बदलाव किया. ये नियम सितंबर 2020 को पारित किए गए थे.
जानिए- क्या हैं चार कोड?
- मजदूरी पर कोड
- औद्योगिक संबंध कोड
- व्यावसायिक सुरक्षा और स्वास्थ्य (OSH)
- सामाजिक सुरक्षा संहिता
चारों कोड एक साथ होंगे लागू
सरकारी सूत्रों के मुताबिक, इन सभी कोड्स को एक साथ लागू किया जाएगा. वेज कोड एक्ट, 2019 के अनुसार, किसी कर्मचारी का मूल वेतन कंपनी की लागत (CTC) के 50% से कम नहीं हो सकता. वर्तमान में कई कंपनियां मूल वेतन में कटौती करती हैं और ऊपर से अधिक भत्ते देती हैं, ताकि कंपनी पर बोझ कम हो.
30 मिनट ज्यादा काम करने पर मिलेगा ओवरटाइम
नए मसौदा कानून में 30 मिनट की गिनती करके 15 से 30 मिनट के बीच के अतिरिक्त काम को ओवरटाइम में शामिल करने का प्रावधान है. वर्तमान नियम के तहत, 30 मिनट से कम समय को ओवरटाइम के लिए योग्य नहीं माना जाता है. ड्राफ्ट नियमों में किसी भी कर्मचारी से लगातार 5 घंटे से ज्यादा काम नहीं कराया जा सकता है. उसे हर पांच घंटे के बाद 30 मिनट का ब्रेक देना अनिवार्य कर दिया गया है.
बदल जाएगा सैलरी स्ट्रक्चर
वेज कोड एक्ट, 2019 के लागू होने के बाद कर्मचारियों का वेतन ढांचा पूरी तरह बदल जाएगा. कर्मचारियों की (Take home salary) घटेगी, क्योंकि बेसिक सैलरी बढ़ने से कर्मचारियों का पीएफ ज्यादा कटेगा होगा, यानी उनका भविष्य ज्यादा सुरक्षित होगा. पीएफ के साथ-साथ ग्रेच्युटी में योगदान भी बढ़ेगा. यानी टेक होम सैलरी जरूर बढ़ेगी. लेकिन कर्मचारी को सेवानिवृत्ति पर अधिक राशि मिलेगी. नया वेतन कोड असंगठित क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए भी लागू होगा. वेतन और बोनस से संबंधित नियम बदलेंगे और हर उद्योग और क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारियों के वेतन में समानता होगी.
काम के घंटे और छुट्टियां भी होंगी प्रभावित
ईपीएफओ बोर्ड के सदस्य और भारतीय मजदूर संघ के महासचिव विरजेश उपाध्याय के मुताबिक, कर्मचारियों के काम के घंटे, सालाना छुट्टियां, पेंशन, पीएफ, टेक होम सैलरी, रिटायरमेंट जैसे अहम मुद्दों पर नियमों में बदलाव किया गया है. श्रम मंत्रालय के श्रम सुधार प्रकोष्ठ के एक अधिकारी के अनुसार श्रमिक संघ ने पीएफ और वार्षिक अवकाश को लेकर मांग की है, संघ की मांग है कि अर्जित अवकाश 240 से बढ़ाकर 300 किया जाए.